वकील चैंबर मामले पर सुनवाई से Supreme Court का इंकार, कहा प्रशासनिक स्तर पर कोर्ट कर सकता है विचार
Supreme Court ने कहा कि इस मामले का समाधान ज्यूडिशियल आर्डर से नहीं किया जा सकता है, कोर्ट चाहे तो प्रशासनिक स्तर पर इस पर विचार कर सकता है.
Supreme Court ने कहा कि इस मामले का समाधान ज्यूडिशियल आर्डर से नहीं किया जा सकता है, कोर्ट चाहे तो प्रशासनिक स्तर पर इस पर विचार कर सकता है.
कानूनी पेशा एक ऐसा पेशा है जिसका काम केवल लोगों को न्याय दिलाना है ना कि व्यवसाय करना. इससे वकीलों और लॉ फॉर्म्स के बीच खराब प्रतियोगिता (Unhealthy Competition) होगी जिससे अनुचित व्यवहार (Unfair Practices) बढ़ेगा.
BCI द्वारा दी गई अनुमति और नए नियमों के सामने आने के बाद से ही सोशलमीडिया सहित कई मंचो से इस फैसले की आलोचना की जा रही थी,अधिसूचना को लेकर ना केवल सोशलमीडिया पर आलोचना शुरू हुई, बल्कि कई बार संगठनो ने भी फैसले पर सवाल खड़े किए.
बीसीआई ने कहा कि ‘ये नियम देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रवाह के बारे में व्यक्त की गई चिंताओं को दूर करने और भारत को अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक आर्बिट्रेशन का केंद्र बनाने में भी मदद करेंगे.
सोशल ज्यूरिस्ट एनजीओ की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया कि भले ही देश में यह क़ानून बहुत पहले लागू किया गया था, लेकिन कानून के छात्रों, वकीलों और जजों में से शायद ही किसी को इसके बारे में पता हो.
इंटर्न बार काउंसिल ऑफ दिल्ली द्वारा निर्धारित काली टाई, काली पैंट और सफेद शर्ट के साथ अदालत परिसर में प्रवेश कर सकते हैं
गाजियाबाद कोर्ट परिसर में 8 फरवरी को एक तेंदुआ कोर्ट में घुस आया था और कम से कम तीन लोगों को घायल कर दिया था. जानवर को देखकर वहां मौजूद लोगों में अफरातफरी मच गई और वकीलों ने खुद को कमरों में बंद कर लिया था.
सीजेआई को लिखे पत्र में विकास सिंह ने अधिवक्ताओं के 'जीवन और आजीविका'' से दोनों मामलों की सुनवाई नहीं होने का मुद्दा उठाया है. पत्र में कहा गया कि यह बहुत चिंता का विषय है कि सुप्रीम कोर्ट में इन दो मामलों की सुनवाई नहीं हो रही है, जिसमें बार द्वारा दायर याचिका भी शामिल है,
सुप्रीम कोर्ट में केसो की लिस्टिंग को लेकर सीनियर एडवोकेट विकाससिंह द्वारा जोर देने पर सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ ने मौखिक टिप्पणी की है.
BCI ने दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष दिए जवाब में स्पष्ट किया है कि अक्टूबर 2021 और अप्रेल 2023 के बीच के समय की अवधि को शामिल नहीं करेगा, क्योकि इस दौरान BCI ने परीक्षा का आयेाजन नहीं किया था.
देश की सर्वोच्च अदालत में कार्यरत एक जज के पास 60 वर्ष में कभी पासपोर्ट की जरूरत ही ना पड़ी हो, इससे भी इतर की सुप्रीम कोर्ट के जज होने के बावजूद जीवन की पहली विदेश यात्रा भी 64 साल बाद की हो
जस्टिस निखिल कारियल के तबादले की सिफारिश के विरोध में GHCAA के 7 सदस्य प्रतिनिधीमण्डल ने सीजेआई से फैसले पर पुर्नविचार की मांग की हैं.वही सीजेआई ने सभी अधिवक्ताओं को काम पर लौटने का आहवान किया है
सीजेआई ने एसोसिएशन से उसके वकीलों के वर्तमान प्रदर्शन के मद्देनजर 21 नवंबर को मिलने की अनुमति दी थी. गुजरात हाई कोर्ट के कॉलेजियम के उस प्रस्ताव का विरोध कर रहे है जिसके जरिए जस्टिस निखिल एस. कारियल के तबादले की सिफारिश की गई हैं.
देश की सर्वोच्च अदालत में कार्यरत एक जज के पास 60 वर्ष में कभी पासपोर्ट की जरूरत ही ना पड़ी हो, इससे भी इतर की सुप्रीम कोर्ट के जज होने के बावजूद जीवन की पहली विदेश यात्रा भी 64 साल बाद की हो
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सीजेआई ने एसोसिएशन से उसके वकीलों के वर्तमान प्रदर्शन के मद्देनजर 21 नवंबर को मिलने की अनुमति दी थी. गुजरात हाई कोर्ट के कॉलेजियम के उस प्रस्ताव का विरोध कर रहे है जिसके जरिए जस्टिस निखिल एस. कारियल के तबादले की सिफारिश की गई हैं.