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अब Insurance Policy बंद कराना हुआ आसान, रिफंड भी मिलेगा, जानें IRDAI ने नियमों में और क्या बदलाव किए

इंश्योरेंस पॉलिसी

IRDAI ने इंश्योरेंस पॉलिसी से जुड़े कई नियमों में बदलाव कर पॉलिसी बंद कराने, क्लेम करने व रिफंड को लेकर ग्राहकों को होनेवाली परेशानी में बेहद कमी आने की संभावना है.

Written by Satyam Kumar |Published : June 12, 2024 5:22 PM IST

Insurance Policy: अमूमन लोगों की इंश्योरेंस पॉलिसी को लेकर शिकायतें रहती हैं. इंश्यूरेंस पॉलिसी (Insurance Policy) बेचने वाले एजेंट पॉलिसी थमाने के वक्त काफी स्वीट रहते हैं. वहीं जब उनसे पॉलिसी पीरियड से पहले ही बंद कराने को कहें तो पॉलिसी देने वाले एजेटों की ना-नुकुर शुरू हो जाती है. भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) भारत में इंश्योरेंस सेक्टर को रेगुलेट करती है. इंश्योरेंस इंडस्ट्री की ऊंच-नीच पर भी पैनी नजर रखती है. अब IRDAI ने पॉलिसी बंद कराने और बंद होने पर रिफंड देने वाली की प्रक्रिया को आसान बना दिया. इसके लिए IRDAI ने इंश्योरेंस पॉलिसी से जुड़े नियमों (IRDAI made Some changes in Insurance Policy law) में कुछ बदलाव किए हैं. आइये जानते हैं कि वे नियम क्या है....

समय से पहले पॉलिसी बंद करने पर भी रिफंड

IRDAI ने नियमों में बदलाव की सूचना सर्कुलर जारी करके दी. जारी सर्कुलर के अनुसार पॉलिसीहोल्डर को पॉलिसी बंद कराने के लिए अब कारण बताने की जरूरत नहीं है. बीमा कंपनी (बीमाकर्ता) को बची हुई पॉलिसी अवधि के आधार पर प्रीमियम वापस करना चाहिए. वहीं, सर्कुलर के मुताबिक बीमाकर्ता केवल धोखाधड़ी के आधार पर पार्टी का इंश्योरेंस पॉलिसी रद्द कर सकता है.

डॉक्यूमेंट नहीं होने पर भी होगा क्लेम

इरडा ने बीमा धारक के लिए नियमों को और आसान बनाया है. इरडा ने स्पष्ट किया कि बीमा धारक (Policy Holders) को केवल वे डॉक्यूमेंट जमा करना आवश्यक है, जो क्लेम सेटलमेंट के लिए अनिवार्य है.

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आसान भाषा में कस्टमर को मिलेगी जानकारी

इरडा ने सर्कुलर में प्रत्येक ग्राहक (पॉलिसी खरीदने वाले) को ग्राहक सूचना पत्र (CIS) देने की बात भी कही है, जिसके तहत ग्राहक आसान शब्दों में पॉलिसी के बारे में जान पाएंगे.