सुप्रीम कोर्ट ने गुरुग्राम पुलिस अधिकारियों पर यौन और शारीरिक उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली एक महिला वकील की याचिका पर हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है. महिला वकील ने आरोप लगाया है कि उसकी ओर से इस संबंध ने FIR दर्ज कराने के बाद पुलिस ने भी बदले की भावना से उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. वकील ने पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग के साथ साथ इस पूरे मामले में CBI जैसी स्वतंत्र जांच एजेंसी से जांच की मांग की है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस पर सवाल उठाया कि एक वकील की थाने में मौजूदगी क्यों ज़रूरी थी? हालांकि बाद में कोर्ट ने नोटिस जारी किया है.
महिला वकील द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के मुताबिक महिला वकील वह अपने मुवक्किल के साथ वैवाहिक विवाद के सिलसिले में पुलिस स्टेशन गई थी. जब उसके मुवक्किल ने अपनी पत्नी के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराने का प्रयास किया, तो पुलिस अधिकारियों ने उसने रुकावट डाली. इसके बाद वकील पर वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने हमला कर दिया. वकील ने दावा किया है की उसे अवैध हिरासत में रखा गया. उसने आगे आरोप लगाया कि घटना के दौरान कोई अरेस्ट मेमो तैयार नहीं किया गया था और उसके परिवार या कानूनी सहयोगियों को कोई सूचना नहीं दी गई थी. इसके बाद उसने दो, एक दिल्ली के सब्जी मंडी पुलिस स्टेशन में और दूसरी गुरुग्राम के महिला पुलिस स्टेशन में, एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश, लेकिन पुलिस ने उसकी शिकायत दर्ज करने से इंकार कर दिया.
(खबर एजेंसी इनपुट से है)