शादी का झांसा देकर एक महिला के साथ बलात्कार करने के आरोपी एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने राजस्थान हाई कोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट आज (सोमवार को) इस याचिका पर सुनवाई करेगी. इस रेप केस में राजस्थान हाई कोर्ट ने शख्स को जमानत देते हुए यह शर्त लगाई थी कि यदि वह नौकरी के लिए विदेश जाना चाहता है तो उसकी पत्नी को देश में मौजूद रहना होगा. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा कि हाई कोर्ट ने अमेरिका में कार्यरत उसकी पत्नी का पक्ष सुने बिना या अभियोजन प्रक्रिया का हिस्सा बनाये बगैर उसे भारत में रहने का निर्देश दिया है जबकि वह इस आपराधिक मामले का हिस्सा भी नहीं है तथा इस तरह हाई कोर्ट ने ‘प्रक्रियागत शुचिता’ का उल्लंघन किया है.
इंजीनियर ने अधिवक्ता अश्विनी दुबे के माध्यम से याचिका दायर की है. इस याचिका में दावा किया गया है कि हाई कोर्ट का उक्त निर्देश त्रुटिपूर्ण है और संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है. सीनियर एडवोकेट अश्विनी दुबे ने तर्क दिया कि यह निर्देश प्रक्रियागत अनियमितता और कानूनी विकृति से ग्रस्त है, क्योंकि इसे प्रभावित व्यक्ति की सुनवाई का अवसर दिए बिना ही पारित कर दिया गया.
याचिका में कहा गया,
‘‘याचिकाकर्ता भारतीय पासपोर्ट धारक और भारतीय नागरिक है और वह किसी अन्य देश का नागरिक नहीं है. वह अमेरिका में महावाणिज्य दूतावास के नियंत्रण में रहेगा और उसके फरार होने की कोई संभावना नहीं है क्योंकि वह कार्य वीजा पर अपनी आजीविका कमाने के लिए विदेश जाने को इच्छुक है. ऐसे में उसके फरार होने का कोई सवाल ही नहीं है.’’
याचिकाकर्ता ने आगे कहा,
‘‘वह एक निश्चित अवधि के लिए जा रहा है और वह इस अदालत के समक्ष एक विशिष्ट शपथ लेता है कि वह निर्देश मिलने पर मुकदमे के लिए उपलब्ध रहेगा, इसलिए मुकदमे में देरी का कोई सवाल ही नहीं है और उसके फरार होने का भी कोई प्रश्न नहीं है.’’
बता दें कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर पर अजमेर के क्रिश्चियनगंज थाने में बलात्कार का मामला दर्ज है. आरोप है कि उस व्यक्ति ने शिकायतकर्ता से शादी का वादा करके उसके साथ अंतरंग संबंध बनाए. गिरफ्तारी की आशंका के चलते, उसने अग्रिम जमानत याचिका दायर की, जिसे मंजूर कर लिया गया. इसके बाद उसने नौकरी के लिए अमेरिका जाने की अनुमति के लिए निचली अदालत में आवेदन दिया. निचली अदालत ने आवेदन खारिज कर दिया, जिसे हाई कोर्ट में चुनौती दी. हाई कोर्ट ने उसे विदेश जाने की अनुमति तो दे दी, लेकिन यह शर्त भी लगाई कि उसकी पत्नी भारत में ही रहेगी.
(खबर पीटीआई इनपुट के आधार पर लिखी गई है)