हाल ही में उड़ीसा हाई कोर्ट ने बिजली के खंभे चोरी करने में पकड़े गए शख्स को जमानत दिया है. शख्स पर पुलिस ने करीब दो लाख रूपये के छह बिजली खंभे चोरी करने के आरोप लगाए. निचली अदालत से शख्स ने जमानत की मांग की, तो राहत नहीं मिली, उसने उड़ीसा हाई कोर्ट में जमानत की मांगा. हाई कोर्ट ने जमानत तो दी लेकिन शर्त रखी की उसे अपने गांव को हरा-भरा रखने के लिए पेड़ लगाने होंगे, साथ ही हर 14-15 दिन पर पुलिस के सामने उपस्थित होकर अपने काम के प्रोग्रेस को इत्तिला करना पड़ेगा. संभव है कि समाज के प्रति दायित्व निभाने व पेड़-पौधे लगाने की शर्त से उसका हृदय परिवर्तन ना हो जाए.आइये जानते हैं कि पूरा मामला क्या है...
उड़ीसा उच्च न्यायालय ने चोरी के एक आरोपी को इस शर्त पर जमानत दी कि उसे अपने गांव और उसके आसपास कम से कम 200 पौधे लगाने होंगे तथा दो साल तक उनकी देखभाल करनी होगी. आरोपी को जिन शर्तों पर जमानत दी गई, पौधारोपण की शर्त उनमें से एक है.
जस्टिस एस. के. पाणिग्रही ने झारसुगुड़ा जिले के निवासी मानस अती की जमानत याचिका सोमवार को मंजूर की है. कोलाबीरा पुलिस ने पिछले साल 25 दिसंबर को एक बिजली आपूर्ति कंपनी के दो लाख रुपये से अधिक मूल्य के कम से कम छह बिजली के खंभे चोरी करने के आरोप में मानस अती को गिरफ्तार किया था. हाई कोर्ट ने अधीनस्थ अदालत को कुछ शर्तों के साथ अती को जमानत देने का निर्देश दिया. उच्च न्यायालय ने आरोपी को हर पखवाड़े (14 दिन) पुलिस के समक्ष पेश होने और किसी भी आपराधिक गतिविधि में शामिल न होने तथा सबूतों के साथ छेड़छाड़ न करने को भी कहा.
हाई कोर्ट ने स्थानीय पुलिस, वन और राजस्व अधिकारियों को पौधारोपण में अती की सहायता करने का निर्देश देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता (मानस अती) को अपने गांव के आसपास सरकारी भूमि, सामुदायिक भूमि या किसी निजी भूमि पर आम, नीम, इमली आदि स्थानीय किस्मों के 200 पौधे लगाने होंगे. अदालत ने जिला नर्सरी को अती को पौधे उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया और राजस्व अधिकारियों से कहा कि वे पौधारोपण के लिए भूमि की पहचान करने में उसकी मदद करें. उच्च न्यायालय के आदेश में कहा गया है कि इनमें से किसी भी शर्त का उल्लंघन करने पर जमानत रद्द कर दी जाएगी.
(खबर भाषा एजेंसी इनपुट के आधार पर है)