सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान द्वारा दायर याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है. सपा नेता व पूर्व सांसद आजम खान ने याचिका में इलाहाबाद हाईकोर्ट के 21 सितंबर के आदेश को चुनौती दिया है, जिसमें हाईकोर्ट ने उन्हें मशीन चोरी से जुड़े मामले में जमानत देने से इंकार किया था. बता दें कि मशीन चोरी का मामला साल 2022 में दर्ज कराई गई थी.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अब देखना यह है कि राज्य सरकार मामले में क्या जवाब देती है. आजम खान और उनके बेटे ने उच्च न्यायालय के 21 सितंबर के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया है. उनके वकील ने अदालत में तर्क किया कि उनके मुवक्किलों को उचित न्याय नहीं मिला और उन्हें जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए.
यह मामला तब सामने आया जब वकार अली खान नामक व्यक्ति ने 2022 में रामपुर के कोतवाली में आजम खान, उनके बेटे और पांच अन्य के खिलाफ 2022 में एक शिकायत दर्ज कराया गया था. शिकायत में आजम खान पर आरोप लगाया कि उन्होंने सड़क साफ करने वाली मशीन चुरा ली थी, जिसे नगर पालिका परिषद, रामपुर जिले ने खरीदा था. यह भी आरोप लगाया गया कि यह मशीन बाद में खान के रामपुर स्थित जौहर विश्वविद्यालय से बरामद की गई थी. उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद वकार अली खान नामक व्यक्ति ने इस संबंध में 2022 में रामपुर के कोतवाली में सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी. प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने 2014 में सड़क की सफाई करने वाली सरकारी मशीन चुरा ली थी.
(खबर PTI भाषा इनपुट के आधार पर है)