PM-ABHIM Scheme: दिल्ली में सरकार बदलते ही सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली-केंद्र के बीच चल रहा एक विवाद सुलझा गया है. बीजेपी ने दिल्ली में आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन लागू करने के खिलाफ पिछली AAP सरकार की ओर से दायर याचिका को वापस लेने की बात कहीं, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. 24 दिसंबर, 2024 को दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर करने को कहा था. हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को 5 जनवरी तक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा था. इस आदेश को तत्कालीन AAP सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बी आर गवाई और पी के मिश्रा की बेंच के सामने दिल्ली सरकार ने दिसंबर 24, 2024 को दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश को चुनौती देने वाली याचिका वापस लेने की गुजारिश की. दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि हम योजना के कार्यान्वयन के लिए आगे बढ़ रहे हैं, इसलिए अब हम इस विशेष अनुमति याचिका (SLP) को वापस लेना चाहते हैं।" सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के वकील को याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी.
अब दिल्ली में बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार ने कहा है कि वो PM-ABHIM (प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन) को दिल्ली में लागू करने जा रही है. आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन (PM-ABHIM Scheme) दरअसल केंद्र सरकार की योजना है जिसका मकसद भविष्य की महामारी से निपटने के लिए पब्लिक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना है.
दिल्ली सरकार ने कहा कि पीएम-ABHIM योजना का उद्देश्य देश के ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना है. दिल्ली हाई कोर्ट ने 24 दिसंबर को आदेश दिया था कि योजना का कार्यान्वयन दिल्ली में सुनिश्चित किया जाए. अदालत ने कहा कि यदि दिल्ली में योजना का कार्यान्वयन नहीं होता है, जबकि 33 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों ने इसे लागू किया है, तो यह उचित नहीं होगा. हालांकि, तब की आप सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनने के बाद अब वापस ले लिया है.
(खबर पीटीआई भाषा के आधार पर है)