दिल्ली के मयूर विहार इलाके में तीन मंदिरों पर बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सीधे सुनवाई से इंकार किया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को दिल्ली हाई कोर्ट जाने को कहा है. तीनों मंदिरों के प्रबंधन समिति की ओर से वकील विष्णु शंकर जैन पेश हुए थे. उन्होंने कहा कि DDA ने कोई नोटिस नहीं दिया. DDA जो कार्रवाई करने वाला है, वो बुलडोजर कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है.
विष्णु शकंर जैन: 35 सालों से ज़्यादा वक़्त से वहां मंदिर है, लेकिन पब्लिक नोटिस 9 बजे जारी किया है. सुबह 4 बजे 500 पुलिसकर्मियों के साथ बुलडोजर कार्रवाई के लिए दस्ता मन्दिरो वाली जगह पर पहुंच गया. इसमे सुप्रीम कोर्ट को दखल देना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप HC क्यों नहीं जाते. हाई कोर्ट इस मसले पर सुनवाई कर सकता है.
विष्णु शंकर जैन ने कोर्ट से गुजारिश किया कि जब तक हाई कोर्ट सुनवाई करे, तब तक कम से कम सुप्रीम कोर्ट अपनी ओर बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगा दें, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने डेमोलिशन की कार्रवाई पर अपनी ओर से रोक लगाने से इंकार किया है.
इस मामले में दिल्ली की नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि पहले बीजेपी मंदिर तोड़ने का ऑर्डर देती है, औरडीडीए बुलडोजर भेजती है और स्थानीय लोग देर रात सड़कों पर उतर जाते हैं तो कहती है कि हमने नहीं भेजा, हम रोक रहे थे. पुलिस बीजेपी की थी, सीआरपीएफ बीजेपी की थी, बुलडोजर बीजेपी के थे तो यह बिल्कुल साहब मंदिर तोड़ने की साजिश बीजेपी की है.
जामियानगर के नफीस रोड पर होने वाली बुलडोजर की कार्रवाई को रमजान के चलते रोका गया है. इसे लेकर पुलिस प्रशासन ने कहा है कि रमजान के मौके पर लोको दिक्कतों का ज्यादा सामना करना पड़ेगा. इस वजह से रमजान को देखते हुए फिलहाल बुलडोजर की कार्रवाई रोक दी गई है. रमजान के फौरन बाद तुरंत होगी बुलडोजर की कार्रवाई के बारे में दिल्ली पुलिस लगातार इलाके में अनाउंसमेंट करवा कर लोगों को अपने आप ही झुंगिया खाली करने का आदेश दे रही है.