पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप अदालत को सियासत में मत घसीटिए. यह आपकी राजनीतिक लड़ाई है. आप इसे कोर्ट के बजाए दूसरी जगह लड़िए. उक्त टिप्पणी के साथ कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अनुरोध पर सुनवाई को चार हफ्ते के लिए टाल दिया है.
याचिकाकर्ताओर से पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने सुनवाई टालने का आग्रह करते हुए कहा कि हमने अवमानना का मुकदमा दायर करने के लिए AG को लिखा है। उनकी सहमति का इतंज़ार है. सुप्रीम कोर्ट में किसी के खिलाफ अवमानना का मुकदमा दायर करने के लिए AG/SG की पूर्व सहमति जरूरी होती है. जस्टिस बी आर गवई ने सुनवाई टालते हुए कहा कि आप इतने आश्वस्त कैसे है कि AG आपको मंजूरी दे ही देंगे. अदालत को सियासत का जरिया मत बनाइए.
आत्मदीप नाम की संस्था की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया है कि 3 अप्रैल को SC ने करप्शन के मद्देनजर शिक्षकों और नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति को रद्द कर करने का फैसला दिया था लेकिन ममता सरकार इस फैसले की अवहेलना कर रही है. याचिका में कहा गया है कि 7 अप्रैल को दिए अपने भाषण में ममता बनर्जी ने कई ऐसी बाते कही जो सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को कम करने वाली है. यही नहीं, ममता बनर्जी ने SC के आदेश को धता बताते हुए पद से हटाए ग्रुप सी और ग्रुप डी के स्टाफर को मासिक वेतन देने की पॉलिसी भी बनाई है.