नई दिल्ली: पिछले कुछ दिनों से सीमा हैदर (Seema Haider) का नाम कई लोगों की जुबान पर है और वो अपने अतरंगी केस की वजह से चर्चा का एक बहुत बड़ा विषय हैं। इस पाकिस्तानी महिला ने सबका ध्यान अपनी ओर इसलिए खींच लिया है क्योंकि यह अपने भारतीय प्रेमी के पास सरहद पार करके या गई है। 30-वर्षीय सीमा गुलाम हैदर के ऊपर पाकिस्तानी स्पाइ (Spy) होने के भी इल्जाम लगाए गए हैं और उनपर जांच भी चल रही है।
इन खबरों के बीच, आइए जानते हैं की यदि आप एक भारतीय हैं और आपको किसी विदेशी महिला या पुरुष से शादी करनी हो, तो यह कैसे किया जा सकता है? एक विदेशी से शादी करने के लिए आपको किन प्रावधानों का पालन करना पड़ेगा, शादी की प्रक्रिया क्या होगी और इस विवाह को कानूनी तौर पर वैधता कैसे मिलेगी, आइए विस्तार से समझते हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि देश में एक भारतीय किसी अन्य देश के नागरिक से विवाह कर सकता/सकती है, इसका भारतीय कानून में प्रावधान है। 'विशेष विवाह अधिनियम, 1954' (The Special Marriage Act, 1954) की धारा 4 के तहत कोई भी दो लोग शादी कर सकते हैं और इसलिए इस प्रावधान में विदेशियों को भी शामिल माना जाता है।
'विशेष विवाह अधिनियम' में शादी करने की उम्र भी निर्धारित की गई है जो देश में लीगल मैरिज जितनी ही है; लड़के की उम्र कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए और लड़की 18 साल की तो होनी ही चाहिए। बता दें कि इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि पार्टनर किस देश का है, शादी की उम्र भारतीय कानून के लिहाज से ही मानी जाती है।
यह कानून है कि देश में होने वाली सभी शादियों को तब तक कानूनी तौर पर वैधता नहीं दी जाएगी जब तक इनका पंजीकरण नहीं होगा। 'विशेष विवाह अधिनियम' के तहत एक विदेशी और भारतीय की शादी का पंजीकरण करवाने के लिए एक अहम शर्त को पूरा करना जरूरी है।
शादी के रेजिस्ट्रेशन के लिए जोड़े को मैरिज ऑफिसर को एक लिखित नोटिस देना पड़ता है जिसमें नोटिस देने की तिथि से एक दिन पहले तक में, शादी करने वाले दोनों लोगों में से किसी एक ने भारत में कम से कम 30 दिन बिताए होने चाहिए।
अधिनियम की धारा 5 के तहत, इस नोटिस को सबमिट करने के बाद दोनों पक्षों को शादी के दिन से पहले कुछ जरूरी कागजात और दस्तावेज जमा करने होते हैं। यह दस्तावेज हैं-
एक बार पंजीकरण हो जाएगा, तो मैरिज ऑफिसर मैरिज सर्टिफिकेट दे देगा और इस तरह एक विदेशी और भारतीय के बीच शादी कानूनी तौर पर वैध मानी जाएगी। यह सर्टिफिकेट शादी करने वाले दोनों पक्षों और तीन अन्य गवाहों द्वारा साइन किया जाता है।
यह तो समझा जा चुका है कि एक भारतीय और विदेशी के बीच देश में किस तरह 'विशेष विवाह अधिनियम' के तहत शादी हो सकती है. बता दें कि अगर एक भारतीय किसी अन्य देश में जाकर एक विदेशी से शादी करना चाहता है, तो ऐसा 'विदेशी विवाह अधिनियम, 1969' (The Foreign Marriage Act, 1969) की मदद से किया जा सकता है।
इस अधिनियम के प्रावधान मूल रूप से 'विशेष विवाह अधिनियम' जैसे ही हैं और इसको लागू करने के लिए विवाह करने वाले दोनों में से एक पक्ष का भारतीय होना जरूरी है।
विदेशी को भारत में शादी करने के लिए चाहिए देश की नागरिकता?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यदि कोई विदेशी नागरिक भारत में, भारतीय कानून के तहत शादी करता/करती है, तो उसे विवाह करने के लिए देश का नागरिक होना जरूरी नहीं है, देश की नागरिकता (Citizenship) शादी के लिए अनिवार्य नहीं है।
साथ ही, अगर एक जोड़े ने देश के बाहर शादी की है तो भी उनका फॉरेन मैरिज सर्टिफिकेट काफी है, उसके आधार पर वो अपनी शादी रजिस्टर करवा सकते हैं।