आज प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड में नेशनल रूरल हेल्थ मिशन (NHRM)में 13 साल पहले हुए घोटाले के मुख्य आरोपी प्रमोद कुमार सिंह को गिरफ्तार किया है. नेशनल रूलर हेल्थ मिशन में 6.97 करोड़ रूपये का गबन हुआ था. प्रमोद कुमार सिंह को ईडी की ओर से अब तक 12 समन भेजे जा चुके थे, लेकिन वह किसी भी समन पर उपस्थित नहीं हुआ.अंततः एजेंसी ने उसे धनबाद से गिरफ्तार किया. इससे पहले, सितंबर 2024 में, ईडी ने प्रमोद और उसके परिवार की 1.63 करोड़ की संपत्ति को जब्त किया था. अभियोजन पक्ष के अनुसार, धनबाद का निवासी आरोपी प्रमोद कुमार सिंह के अनुसार इस मामले में उसकी भूमिका महत्वपूर्ण रही है. एजेंसी ने उसे रांची स्थित पीएमएलए कोर्ट में पेश किया और उससे पूछताछ के लिए सात दिनों का रिमांड मांगा, जिसे अदालत ने तीन दिनों के लिए मंजूर किया.
आरोपी प्रमोद कुमार सिंह पहले एनआरएचएम में कांट्रैक्टुअल बेसिस पर अकाउंट मैनेजर का काम करता था और अब उसका कोयले का बड़ा कारोबार है. उसकी करतूत सबसे पहले झारखंड एंटी करप्शन ब्यूरो के पकड़ में आई. एंटी करप्शन ब्यूरो ने 2011-12 में पीएचसी के लिए आवंटित 6.97 करोड़ रुपये के गबन का मामला दर्ज किया. एजेंसी ने प्रमोद को मुख्य आरोपी बनाते हुए दावा किया कि उसने प्राइमरी हेल्थ केयर (PHC) के लिए आवंटित राशि को अपने खाते में मंगवाकर खर्च की. अभियोजन पक्ष ने गहन जांच के बाद बताया कि उसके खातों में पीएचसी के 10 अकाउंट की राशि ट्रांसफर की गई थी. उसकी पत्नी प्रिया सिंह के अकाउंट में भी गलत तरीके से पैसे ट्रांसफर किए गए थे. अब घोटाला सामने आने के बाद प्रमोद सिंह को बर्खास्त कर दिया गया था.
प्रवर्तन निदेशालय ने वर्ष 2023 में इस मामले में जांच शुरू की. 2024 के जुलाई और अगस्त महीने में प्रमोद और इस घोटाले के अन्य आरोपियों के ठिकाने पर एजेंसी ने रेड डाली थी. जांच के दौरान कई दस्तावेज और नगद 2 लाख 17 हजार रुपये बरामद किए गए थे. ईडी की जांच में यह सामने आया कि प्रमोद कुमार सिंह व एक अन्य कर्मी शशिभूषण प्रसाद (अब दिवंगत) ने पद का दुरुपयोग कर एनआरएचएम निधि के 9.39 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की है.
अब प्रवर्तन निदेशालय ने कई समन के उल्लंघन के बाद झारखंड नेशनल रूलर हेल्थ मिशन घोटाले के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत के सामने पेश किया. स्पेशल कोर्ट ने तीन दिन की रिमांड कस्टडी सौंपी है.