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'ED संघीय शासन व्यवस्था का उल्लंघन कर रहा', सुप्रीम कोर्ट ने TASMAC के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच रोकी

ED द्वारा TASMAC के परिसर में की गई छापेमारी को तमिलनाडु सरकार और TASMAC ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

Written by Satyam Kumar |Published : May 22, 2025 3:01 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने आज तमिलनाडु सरकार द्वारा संचालित शराब विक्रेता TASMAC के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच पर रोक लगा दिया. मनी लॉन्ड्रिंंग मामले की जांच पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED), शासन की संघीय अवधारणा का उल्लंघन कर अपनी सीमाएं पार कर रहा है. बता दें कि, तमिलनाडु सरकार और TASMAC ने ED द्वारा किए गए छापों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया था. उनका तर्क था कि राज्य सरकार ने पहले ही शराब की दुकानों के आवंटन से जुड़े मामलों में 40 से अधिक FIR दर्ज करा चुकी है और ऐसे में इस मामले में ED का हस्तक्षेप अनुचित है.

सुप्रीम कोर्ट ने ED को नोटिस जारी करते हुए कहा कि राज्य-संचालित TASMAC के खिलाफ ED की जांच तत्काल प्रभाव से आगे नहीं बढ़ेगी. वहीं, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि यह मामला 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की भ्रष्टाचार से संबंधित है, लेकिन न्यायालय ने उनकी दलील को खारिज कर दिया.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में तमिलनाडु सरकार ने 2014 से शराब की दुकान लाइसेंस आवंटन से संबंधित 40 से अधिक FIR दर्ज की हैं. वरिष्ठ अधिवक्ताओं कपिल सिब्बल और अमित आनंद तिवारी ने अदालत को बताया कि राज्य स्वयं इस मामले में सक्रिय है, और ऐसे में ED का हस्तक्षेप उचित नहीं है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आप राज्य-चालित TASMAC पर छापा कैसे मार सकते हैं?

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DMK की अगुवाई वाली तमिलनाडु राज्य सरकार और TASMAC ने ED द्वारा TASMAC के परिसर में की गई छापेमारी के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. उन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय के 23 अप्रैल के आदेश को चुनौती दी, जिसमें ED की कार्रवाई को मंजूरी दी गई थी. मद्रास उच्च न्यायालय ने ED को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत कार्रवाई करने की अनुमति दी थी. हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय ने इस आदेश को स्थगित कर दिया है, जिससे ED की कार्रवाई पर रोक लग गई है.