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महात्मा गांधी का नाम लेकर विधेयक तो फाड़ दिया लेकिन Waqf Bill के विरोध में एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में क्या कहा?

सांसद असदुद्दीन ओवैसी का मानना है कि यह विधेयक अनुच्छेद 26 का उल्लंघन करता है, जो धार्मिक संप्रदायों को अपनी संपत्ति का प्रबंधन करने का अधिकार देता है

AIMIM MP Asaduddin Owaisi

Written by Satyam Kumar |Published : April 3, 2025 1:56 PM IST

सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ बिल का विरोध किया. वक्फ बिल को लेकर उनके पहले से रूख को देखकर यह तय माना जा रहा था. असदुद्दीन ओवैसी इसके विरोध में क्या बोलेंगे, यह जानना, लोगों के लिए उत्सुकता का विषय रहा. मौजूद सभी सासंदों में से महज ओवैसी ने ही वक्फ बिल को फांड़ा. उन्होंने महात्मा गांधी के अफ्रीका दौरे की एक घटना का जिक्र करते हुए इस कृत्य को अंजाम दिया.

आर्टिकल 26 के तहत कैसे और  लिमिटेशन एक्ट का क्यों?

एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी विधेयक का विरोध करने के लिए खड़े हुए. ओवैसी ने उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ को हटाने पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि इससे अतिक्रमणकारियों को बढ़ावा मिलता है. उन्होंने कहा कि प्रावधान प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ हैं.

ओवैसी ने कहा कि इस विधेयक का स्रोत अनुच्छेद 26 है. इसमें क्या लिखा है? धार्मिक संप्रदायों को अपने मामले खुद चलाने चाहिए और चल-अचल संपत्ति का अधिग्रहण और प्रशासन उन्हीं के हाथों में होना चाहिए. जब ​​सिखों, हिंदुओं और बौद्धों को ये अधिकार हैं, तो आप मुसलमानों से इसे कैसे छीन सकते हैं? ... अगर यह संशोधन लागू हो जाता है, तो केवल प्राचीन मंदिर ही सुरक्षा के दायरे में होंगे, मस्जिदों के नहीं... रातों-रात अतिक्रमणकारी मालिक बन सकता है.

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ओवैसी ने अंबानी का नाम लिए बिना कहा कि वक्फ बोर्ड के अनुसार व्यवसायी द्वारा अनाथालय की जमीन का अधिग्रहण कथित रूप से अवैध था. मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.

"क्या आप इस विधेयक में उल्लेखित लिमिटेशन एक्ट को लागू करके उन्हें मालिक बनाना चाहते हैं? ... जब आप कहते हैं कि वक्फ परिषद और बोर्ड धर्म तटस्थ हैं, तो आप अपने मोहरे नामित कर सकते हैं. यह लोकतंत्र का कैसा मजाक है?"

अससुद्दीन ओवैसी ने महात्मा गांधी जब अफ्रीका में थे, तो उन्होंने कहा कि उनकी अंतरात्मा रंगभेदी कानूनों को स्वीकार नहीं करती और उन्होंने उस कानून के कागज फाड़ दिए. इसी तरह, मैं इस असंवैधानिक कानून को फाड़ता हूं. अससुद्दीन औवेसी ने इस कानून का कड़े स्वर में विरोध किया. आगे कहा कि मेरे पास इस बिल में दस संशोधन के सुझाव है, आप इसे एक्सेप्ट कीजिए.

बारामूला सांसद ने वक्फ का किया विरोध

जम्मू-कश्मीर से निर्दलीय सांसद अब्दुल रशीद शेख ने विधेयक का विरोध किया. निर्दलीय सांसद ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि यह विधेयक पारित हो जाएगा क्योंकि उनके पास बहुमत है। संख्या के खेल में, संख्या सत्ता पक्ष के पास होती है। लोकतंत्र कैसा खेल है जहाँ लोगों को गिना जाता है, तौला नहीं जाता? शेख ने सदन में कहा कि मैं इस देश के मुसलमानों से कहना चाहता हूं कि यह उनके लिए संख्या का खेल है और आप बीच में फंस गए हैं. आप घायल हो जाएंगे और ये लोग सिर्फ शब्दों से मरहम लगा देंगे.

जेपीसी अध्यक्ष ने जताई नाराजगी

इसके बाद जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने इस प्रतिक्रिया के प्रति नाराजगी जाहिर की. उन्होंने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल की प्रति फाड़ने पर कहा कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार द्वारा पेश किए गए बिल की प्रति को फाड़ना इस देश के लोगों का अपमान है. ओवैसी ने जो काम सदन में किया है, इसके लिए देश उन्हें माफ नहीं करेगा. किसी को भी लोगों के जनादेश की अवहेलना करने का अधिकार नहीं है.  जगदंबिका पाल ने कहा कि ये लोग मुस्लिम समाज को अपना वोट बैंक समझते हैं और तुष्टिकरण की राजनीति कर इन्हें बांटना चाहते हैं.

किरेन रिजिजू ने सदस्यों का आभार व्यक्त किया

लोकसभा अपने बहस के आखिरी चरण में थी. यहां पर संसदीय कार्यमंत्री जिन्होंने इस बिल को सदन के सामने रखा, सभी सदस्यों को अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए धन्यवाद ज्ञापन किया. इसके बाद सदस्यों ने वक्फ बिल पर अपना वोट देकर बहुमत से उसे लोकसभा में पारित किया.