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Walayar Sisters Rape Case: दुष्कर्म पीड़िताओं की मां ने पूर्व अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए किया अदालत का रुख

2017 में, वालयार में कथित यौन उत्पीड़न के बाद दो महीनों के अंतर पर एक घर की दोनों बेटियों को रहस्यमयी तरीके से मृत पाया गया था। रेप और मर्डर के इस मामले में अब पीड़िताओं की मां ने केरल उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है और आईओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है...

Walayar Sisters Rape Death Case Victims Mother Files Case in Kerala High Court

Written by Ananya Srivastava |Published : July 13, 2023 10:10 AM IST

कोच्चि: वालयार बलात्कार मामले (Walayar Rape Case) में पीड़िताओं की मां द्वारा केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) में एक याचिका दायर की गई है जिसमें एक पूर्व जांच अधिकारी (Investigation Officer) के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।

बता दें कि पीड़िताओं की मां ने आईओ के खिलाफ लड़कियों के बारे में कथित रूप से ‘अशोभनीय’ और ‘अपमानजनक’ टिप्पणियां करने के लिए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम (Scheduled Caste and Scheduled Tribe (Prevention of Atrocities) Act, 1989) के तहत कार्रवाई की मांग की गई है।

पीड़िताओं की मां ने दायर की याचिका

समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, अदालत ने बुधवार को मामले में सुनवाई 20 जुलाई तक स्थगित कर दी और मामले में सहायता के लिए एक न्यायमित्र की नियुक्ति भी की। पीड़िताओं की मां ने वकील पी वी जीवेश के माध्यम से दायर अपनी याचिका में एक सत्र अदालत (Sessions Court) के आदेश को चुनौती दी है जिसने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के तहत अपराध पर संज्ञान नहीं लिया।

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महिला की शिकायत के अनुसार अधिकारी ने इस अपराध को अंजाम दिया। महिला की याचिका में कहा गया कि सत्र अदालत ने केवल ‘यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण’ अधिनियम (The Protection of Children from Sexual Offences Act) की धारा 23(1) के तहत अपराध का संज्ञान लिया था।

याचिका में दावा किया गया कि विशेष जांच दल की अगुवाई कर रहे जांच अधिकारी ने एक विशेष अदालत द्वारा मामले में सुनवाई के दौरान जानबूझकर एक प्रमुख दृश्य मीडिया के माध्यम से एक टिप्पणी की जो नाबालिग लड़कियों और उनकी मां की साख, निजता और गरिमा को कम करने वाली और जानबूझकर उन्हें अपमानित करने के लिए थी।

बता दें कि पॉक्सो कानून की धारा 23(1) कहती है, ‘‘कोई भी व्यक्ति पूर्ण और प्रामाणिक जानकारी के बिना किसी भी प्रकार के मीडिया या स्टूडियो या फोटोग्राफिक सुविधाओं से किसी भी बच्चे पर कोई रिपोर्ट या टिप्पणी प्रस्तुत नहीं करेगा, जिसका प्रभाव उसकी प्रतिष्ठा को कम करने या उसकी गोपनीयता का उल्लंघन करने पर हो सकता है।’’

जानें क्या था पूरा मामला

इस मामले में दो बहनें उनके कथित यौन उत्पीड़न के बाद 2017 में करीब दो महीने के अंतर से अपनी झोपड़ी में रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत पाई गई थीं। बड़ी बहन 13 साल की थी और 13 जनवरी को उसका शव झोपड़ी में फांसी के फंदे से लटका पाया गया था, वहीं उसकी नौ साल की बहन इसी तरह 4 मार्च, 2017 को मृत पाई गई थी।

लड़कियों की मां ने आरोप लगाया था कि यह हत्या का मामला है, लेकिन वायलार पुलिस इस नतीजे पर पहुंची कि पांच लोगों ने अप्राकृतिक तरीके से लड़कियों का करीब एक साल तक यौन शोषण किया और इस तरह उन्हें खुदकुशी के लिए मजबूर किया गया; आरोपियों में एक किशोर था।