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उत्तरकाशी मस्जिद विवाद: 'सांप्रदायिक सौहार्द कायम रखा जा रहा है', राज्य सरकार ने उत्तराखंड हाईकोर्ट को बताया

विवादित मस्जिद उत्तरकाशी शहर में भटवाड़ी मार्ग पर स्थित है. दक्षिणपंथी संगठनों का कहना है कि मस्जिद अवैध है, जबकि याचिकाकर्ताओं का दावा इसके बिल्कुल उलट है.

उत्तराखंड हाईकोर्ट

Written by My Lord Team |Published : December 17, 2024 4:06 PM IST

Uttarkashi Mosque Dispute: उत्तरकाशी में एक मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद के बीच राज्य सरकार ने उत्तराखंड हाईकोर्ट को बताया है कि शहर में सांप्रदायिक सौहार्द कायम रखा जा रहा है और इसे बिगाड़ने की किसी भी कोशिश से सख्ती से निपटा जाएगा. पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने पूर्व में उत्तरकाशी के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को मस्जिद के आसपास के क्षेत्र में कानून और व्यवस्था कायम रखने तथा स्थिति से अदालत को अवगत कराते रहने के निर्देश दिए थे. बता दें कि अदालत का ये फैसला मस्जिद की सुरक्षा को हाईकोर्ट में दायर याचिका पर आया है.

महापंचायत में भड़काऊ भाषण नहीं दिए गए: उत्तराखंड राज्य

उत्तराखंड हाईकोर्ट में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और जस्टिस पंकज पुरोहित की खंडपीठ के सामने राज्य सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सरकारी अधिवक्ता जे एस विर्क ने बताया कि सरकार पूरी तरह से तत्पर है. याचिकाकर्ता के वकील ने दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए महापंचायत में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरती भाषण दिए गए. राज्य सरकार के वकील ने हालांकि दावा किया कि महापंचायत का आयोजन पुलिस की निगरानी में हुआ था और उसमें कोई भड़काऊ भाषण नहीं दिए गए. इस बीच, याचिकाकर्ताओं ने उच्च न्यायालय से ऐसे दस्तावेज जमा करने के लिए और समय मांगा है, जिससे यह सिद्ध हो सके कि मस्जिद वक्फ या ट्रस्ट की है.

क्या है मामला?

विवादित मस्जिद उत्तरकाशी शहर में भटवाड़ी मार्ग पर स्थित है. दक्षिणपंथी संगठनों का कहना है कि मस्जिद अवैध है, जबकि याचिकाकर्ताओं का दावा इसके बिल्कुल उलट है. दक्षिणपंथी संगठनों की ओर से मस्जिद के विरोध में एक दिसंबर को प्रस्तावित महापंचायत से कुछ दिन पहले नवंबर में याचिकाकर्ता अल्पसंख्यक सेवा समिति ने उच्च न्यायालय का रुख किया था. पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान जिला प्रशासन ने कहा था कि मस्जिद के आस-पास महापंचायत के लिए अनुमति नहीं दी गयी तथा निषेधात्मक आदेश लागू किए गए थे. बाद में जिला प्रशासन ने हालांकि, कुछ शर्तों के साथ लोगों को एकत्रित होने की इजाजत दे दी थी. शहर में बड़ी तादाद में पुलिस बल की तैनाती के बीच महापंचायत शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई.

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इसी महापंचायत में दिए गए भाषणों को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.