देहरादून: उत्तराखंड के बहुचर्चित स्टिंग प्रकरण को लेकर सोमवार को सीबीआई कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत को वॉयस सैंपल देने का फैसला सुनाया। इस सम्बन्ध में कोर्ट ने नोटिस भी जारी कर दिया है।
अधिवक्ता मनमोहन कंडवाल ने न्यूज़ गणस्य आईएएनएस को बताया कि विधायक उमेश शर्मा और मदन बिष्ट को भी नोटिस जारी किए जाएंगे, लेकिन संवैधानिक पद पर होने के कारण सीबीआई को पहले पूरी प्रक्रिया अपनानी होगी।
रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2016 में हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए उनका एक स्टिंग करने का दावा उमेश कुमार ने किया था। इसके बाद राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया था। इसी दौरान एक और स्टिंग सामने आया था, इसमें विधायक मदन सिंह बिष्ट के होने का दावा किया गया। इसमें डॉ. हरक सिंह रावत के भी शामिल होने का दावा किया गया था।
गौरतलब है कि दोनों ही स्टिंग के बारे में उमेश कुमार ने दावा किया कि हरीश रावत सरकार को बचाने के लिए विधायकों की खरीद फरोख्त की डीलिंग की जा रही थी। इसमें रुपयों के लेन-देन होने की बात का दावा भी स्टिंग प्रसारण के दौरान किया गया था।
उल्लेखनीय है कि इस पूरे मामले की जांच बाद में सीबीआई को दे दी गई। स्टिंग में जो आवाजें हैं उनके मिलान के लिए इन चारों ही नेताओं के वॉयस सैंपल लेने की अनुमति सीबीआई ने अदालत से मांगी थी।