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पूर्व MLA कुलदीप सिंह सेंगर को दो हफ्ते की अंतरिम जमानत, स्वास्थ्य कारणों से Delhi HC ने दी राहत

जमानत मिलने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने निर्देश दिया कि सेंगर को एम्स नई दिल्ली में भर्ती कराया जाएगा, जिसके बाद चिकित्सा अधीक्षक अदालत को सुझाव देंगे कि क्या उनका इलाज एम्स (AIIMS) में संभव है.

उन्नाव रेप केस के आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर

Written by My Lord Team |Published : December 5, 2024 1:01 PM IST

उन्नाव रेप केस मामले में पूर्व BJP नेता कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) को दिल्ली हाईकोर्ट ने दो सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दी है. दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi HC) ने कुलदीप सिंह सेंगर को मेडिकल आधार पर दो हफ्ते की अंतरिम जमानत (Interim Bail) दी है. दिल्ली हाई कोर्ट ने निर्देश दिया कि सेंगर को एम्स नई दिल्ली में भर्ती कराया जाएगा, जिसके बाद चिकित्सा अधीक्षक अदालत को सुझाव देंगे कि क्या उनका इलाज एम्स (AIIMS) में संभव है.

जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और जस्टिस अमित शर्मा की अगुवाई वाली पीठ ने कुछ समय के लिए सजा निलंबित करते हुए निर्देश दिया कि सेंगर को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती कराया जाए. पीठ ने यह भी निर्देश दिया कि अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद वह (अभियुक्त) राष्ट्रीय राजधानी में ही रहे.

पीठ ने कहा,

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‘‘इस मामले की पृष्ठभूमि और आवेदक की स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह निर्देश दिया जाता है कि उसे दो सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए और वह एम्स दिल्ली में इलाज कराये.’’

उच्च न्यायालय ने एम्स के चिकित्सा बोर्ड से एक रिपोर्ट मांगी तथा मामले को अगली सुनवाई को 20 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध किया है.

रेप पीड़िता की हत्या मामले में दोषी

सेंगर उन्नाव की बलात्कार पीड़िता के पिता की हिरासत में हुई मौत के सिलसिले में भी 10 साल की कैद की सजा काट रहा है. उस मामले में उसकी अंतरिम जमानत अर्जी हाईकोर्ट की ही एक अन्य पीठ में अब भी लंबित है. सेंगर ने इस आधार पर अंतरिम जमानत का अनुरोध किया है कि उसे मोतियाबिंद समेत कई बीमारियां हो गयी हैं, जिनका तत्काल इलाज कराना जरूरी है. इस अर्जी का पीड़िता के वकील एवं सीबीआई ने विरोध किया. उन्नाव बलात्कार के मुख्य मामले में अधीनस्थ अदालत के फैसले के विरूद्ध सेंगर की अपील उच्च न्यायालय में लंबित है. उसने अधीनस्थ अदालत के दिसंबर 2019 के फैसले को रद्द करने की मांग की है, जिसमें उसे शेष जीवन के लिए कारावास की सजा सुनाई गई थी.

क्या होती है अंतरिम जमानत?

अंतरिम जमानत, ऐसी जमानत है जो किसी आरोपी को एक अस्थायी अवधि के लिए दी जाती है. यह आम तौर पर तब दी जाती जब उस आरोपी द्वारा दायर किया गया, अग्रिम जमानत या नियमित जमानत या कोई अन्य आवेदन न्यायालय के समक्ष लंबित पड़ा हो. जमानत देते समय न्यायालय आरोपी पर कुछ शर्त लगा सकता है, जिनका पालन करना अनिवार्य होगा

क्या है मामला?

पीड़िता 2017 में जब नाबालिग थी, तब सेंगर ने उसका अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किया था. सेंगर को 13 मार्च, 2020 को बलात्कार पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई थी और उस पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था. अदालत ने सेंगर के भाई अतुल सिंह सेंगर और पांच अन्य को भी 10 साल की जेल की सजा सुनाई थी. सेंगर के कहने पर बलात्कार पीड़िता के पिता को हथियार कानून के तहत एक मामले में गिरफ्तार किया गया था. उनकी 9 अप्रैल, 2018 को हिरासत में मौत हो गई थी. बलात्कार का मामला और अन्य संबंधित मामले एक अगस्त, 2019 को उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर उत्तर प्रदेश की अधीनस्थ अदालत से दिल्ली स्थानांतरित कर दिए गए थे.