केरल कोर्ट (Kerala Court) ने रियास अबूबैकर को दस सालों की कठोर सजा सुनाई है. रियास पर इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सिरिया (आईएसआईएस) की विचारधारा (ISIS Ideology) के प्रचार-प्रसार करने का आरोप था. कोर्ट ने जांच एजेंसी एनआईए (NIA) के आरोपों को सही पाया. वहीं, रियास को यूएपीए (UAPA) की सुसंगत धाराओं के अनुसार दस साल जेल की सजा के साथ 50,000 रूपये का जुर्माना भी लगाया है. एनआईए ने रियास को साल 2019 में गिरफ्तार किया था.
स्पेशल जज मीना एस दास ने इस मामले को सुनवाई की. कोर्ट के समक्ष रखे गए साक्ष्यों के आधार पर रियास को दोषी पाया है. कोर्ट ने कहा रियास देश में आईएसआईएस से जुड़ी गतिविधियों में शामिल होने के साथ-साथ उसके प्रचार-प्रसार में भी लगा हुआ था.
कोर्ट ने कहा,
रियास के खिलाफ रखे गए सबूतों से साफ जाहिर है कि वह आईएसआईएस की विचारधारा से बहुत हद तक प्रभावित है. आरोपी अपने सोशल मीडिया पोस्ट के सहारे इन विचारधाराओं को बढ़ावा दे रहा है. साथ ही लोगों को इससे प्रभावित करने में लगा हुआ है. आरोपी के ये कृत्य समाज की विधि व्यवस्था के साथ-साथ नैतिक मूल्यों को भी चुनौती देता है, जिसे बरकरार रखने के लिए आरोपी को कानून के कड़े प्रावधानों के तहत सजा सुनाती है.
पलक्कड़ (केरल) निवासी रियास अबूबैकर उर्फ अबू दुजाना को केरल कोर्ट ने दोषी पाया है. रियास ने सोशल मीडिया पर अपना प्रोफाईल नेम अबू दुजाना रखा था. वह, साल 2018 से सोशल मीडिया पर लगातार हिंसक विचारों और ISIS के योजनाओं का फैलाने में लगा हुआ था. अदालत ने रियास को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की धारा 38 और 39 के साथ आईपीसी (IPC) की धारा 120 बी के के अनुसार दोषी माना है. रियास को एनआईए ने 24 सितंबर 2019 को गिरफ्तार किया था. एनआईए ने अपने जांच में पाया कि रियास कोच्चि के प्रमुख व्यापारिक केन्द्रों पर आत्मघाती हमला करने की साजिश में शामिल था.