Advertisement

ताहिर हुसैन भर सकेंगे अपना नामांकन, दिल्ली हाईकोर्ट ने दी कस्टडी पैरोल, ये पाबंदियां रहेगी

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि दंगों के सिलसिले में ताहिर हुसैन खिलाफ 11 FIR दर्ज की गई हैं और वह अभी मनी लॉन्ड्रिंग मामले और यूएपीए मामले में हिरासत में है. अदालत ने आदेश दिया कि आरोपों की प्रकृति और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, ताहिर हुसैन को नामांकन पत्र दाखिल करने के संबंध में औपचारिकताएं पूरी करने के लिए ‘कस्टडी पैरोल’ दी. 

दिल्ली हाईकोर्ट, ताहिर हुसैन

Written by Satyam Kumar |Published : January 15, 2025 1:03 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को दंगों से संबंधित हत्या के एक मामले में ‘कस्टडी पैरोल’ प्रदान की, ताकि वह  एआईएमआईएम के टिकट पर मुस्तफाबाद निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल कर सकें. कस्टडी पैराल के दौरान आरोपी अत्यावश्यक कारणों से जेल से बाहर तो आता है लेकिन वह हमेशा पुलिस की हिरासत में ही होता है.

ताहिर हुसैन को दिल्ली हाईकोर्ट से कस्टडी पैरोल

जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने चुनाव लड़ने के लिए 14 जनवरी से नौ फरवरी तक अंतरिम जमानत की हुसैन की याचिका को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि उनके खिलाफ आरोपों की गंभीरता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह हिंसा मामले में मुख्य अपराधी हैं, जिसके कारण कई लोगों की मौत हो गई. अदालत ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि वह पूर्व पार्षद थे, उन्हें अंतरिम जमानत का हकदार नहीं माना जा सकता.

अदालत ने ‘कस्टडी पैरोल' की अवधि के दौरान हुसैन पर कई शर्तें लगाईं, जिनमें नामांकन प्रक्रिया में संबंधित अधिकारियों के अलावा मीडिया या किसी अन्य व्यक्ति से बातचीत करने पर रोक लगाना भी शामिल है.

Also Read

More News

  • कस्टडी पैरोल के दौरान आरोपी को शपथ लेने और नामांकन पत्र दाखिल करने की औपचारिकताएं पूरी करने की अनुमति दी गई है.
  • आरोपी को मोबाइल, लैंडलाइन या इंटरनेट तक पहुँच नहीं होगी.
  • आरोपी केवल नामांकन प्रक्रिया से संबंधित अधिकारियों के साथ बातचीत कर सकेगा.
  • इस दौरान परिवार के सदस्य उपस्थित रह सकते हैं, लेकिन
  • नामांकन दाखिल करते समय फोटो खींचने या सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की अनुमति नहीं होगी.

दिल्ली दंगे में ताहिर हुसैन के खिलाफ 11 मुकदमे

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि दंगों के सिलसिले में उसके खिलाफ 11 प्राथमिकी दर्ज की गई थीं और वह संबंधित धनशोधन मामले और यूएपीए मामले में हिरासत में है. अदालत ने आदेश दिया कि आरोपों की प्रकृति और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, ताहिर हुसैन को नामांकन पत्र दाखिल करने के संबंध में औपचारिकताएं पूरी करने के लिए ‘कस्टडी पैरोल’ दी.

अदालत ने प्राधिकारियों से नामांकन पत्र दाखिल करने तथा अन्य औपचारिकताएं पूरी करने में सुविधा प्रदान करने को कहा. अदालत ने स्पष्ट किया कि हुसैन नामांकन प्रक्रिया से संबंधित अधिकारियों के अलावा किसी भी व्यक्ति से बातचीत नहीं करेंगे और न ही मीडिया को संबोधित करेंगे. उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी, 2020 को हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें 53 लोग मारे गए थे और कई घायल हो गए थे.

कड़कड़डूमा कोर्ट ने भी दी ताहिर हुसैन को पैरोल

कड़कड़डूमा कोर्ट ने भी ताहिर हुसैन को दिल्ली दंगों से जुड़े दो मामले में नामांकन दाखिल करने के लिए कस्टडी पैरोल दी है. कोर्ट ने कहा कि ताहिर हुसैन को अधिकारी 16 जनवरी को नामंकन दाखिल के लिए साथ ले जाए. ज़रूरत पड़ने पर 17 जनवरी को ताहिर हुसैन को कस्टड़ी पैरोल में रखा जा सकता है.