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जयललिता की जब्त संपत्ति तमिलनाडु सरकार की होगी, परिवार के उत्तराधिकार के दावे को SC ने मानने से किया इंकार

सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की भतीजी जे. दीपा की याचिका खारिज कर दी है, जिसमें उन्होंने 2004 के आय से अधिक संपत्ति मामले से जुड़ी अपनी जब्त संपत्तियों को वापस लेने की मांग की थी.

सुप्रीम कोर्ट, जयललिता

Written by Satyam Kumar |Published : February 15, 2025 5:25 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की भतीजी द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने उन संपत्तियों को परिवार को सौंपने की मांग की थी. इस संपत्तियों को साल 2004 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में अधिकारियों द्वारा जब्त किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसने पहले जे. दीपा की याचिका को खारिज कर दिया था.

जयललिता की संपत्ती किसकी?

जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एससी शर्मा की पीठ ने कहा कि यदि अभियोजन एजेंसी संपत्तियों की नीलामी की प्रक्रिया जारी रखती है, तो यदि अपीलकर्ताओं द्वारा कानून के अनुसार स्थापित किया जाता है, तो उन्हें संपत्तियों के मूल्य का हकदार माना जाएगा.

इससे पहले, अतिरिक्त सिटी सिविल और सत्र न्यायाधीश एच.ए. मोहन ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि सभी संपत्तियां अवैध तरीकों से अर्जित की गई थीं और इसलिए, इन्हें जब्त करने का आदेश दिया गया था. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संपत्तियां केवल सरकार को जाएंगी, न कि याचिकाकर्ताओं के पक्ष में.

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याचिकाकर्ताओं ने तर्क किया कि जयललिता का निधन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले हो गया था और उन्होंने कहा कि मामले में आदेश का निरस्तीकरण उन्हें एक साफ चिट देता है. याचिकाकर्ताओं ने यह भी बताया कि वे कानूनी वारिस हैं और संपत्तियों के हकदार हैं. हालांकि, अदालत ने कहा कि पहले इसी कोर्ट ने केवल आरोपी के खिलाफ दंडात्मक हिस्से के संबंध में मामले को समाप्त किया है, संपत्तियों के जब्त होने के आदेश के संबंध में नहीं. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता, भले ही उन्हें जयललिता की संपत्ति का कानूनी वारिस माना गया हो, लेकिन वे जब्त संपत्तियों के लिए हकदार नहीं हैं. सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में तत्कालीन एआईएडीएमके महासचिव जयललिता और उनकी सहयोगी सासिकला नटराजन को अनुपातहीन संपत्तियों के मामले में दोषी ठहराया था. इस निर्णय ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें जयललिता और सासिकला को बरी किया गया था.

सरकार को मिलेगा जयललिता की संपत्ति

बेंगलुरु में एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को जयललिता की जब्त संपत्तियों के हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू कर दी. इन संपत्तियों में गहनों और अन्य कीमती सामानों के दस्तावेज, 11,344 रेशमी साड़ी, 468 सोने और हीरे के आभूषण, 7,040 ग्राम वजन के अन्य गहने, 750 जोड़ी चप्पलें, घड़ियाँ और अन्य मूल्यवान वस्तुएं शामिल हैं. इन वस्तुओं को तमिलनाडु सरकार को सौंपा जा रहा है. तमिलनाडु से अधिकारियों की एक टीम बेंगलुरु पहुंची है ताकि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी की जा सके. सभी वस्तुओं को तमिलनाडु सरकार को सौंपा जाएगा. इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने दीपा और दीपक द्वारा दायर याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने संपत्तियों की वापसी की मांग की थी। कोर्ट ने कहा कि मामले की समाप्ति का मतलब यह नहीं है कि उन्हें अपराध से बरी किया गया है.