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हम आपको चुनाव प्रचार के लिए जमानत देने के इच्छुक नहीं है... पूर्व AAP पार्षद ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत की मांग पर SC

सुप्रीम कोर्ट ने ताहिर हुसैन से पूछा कि आपको जब ग्यारह में नौ मामलों में जमानत मिल चुकी है, तो आप अंतरिम जमानत क्यों मांग रहे है, इसकी जगह तो आपको नियमित जमानत की मांग करनी चाहिए थी. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है.

सुप्रीम कोर्ट, ताहिर हुसैन

Written by Satyam Kumar |Published : January 21, 2025 1:08 PM IST

बीते दिन समय की कमी के चलते ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने ताहिर हुसैन से पूछा कि आपको जब ग्यारह में नौ मामलों में जमानत मिल चुकी है, तो आप अंतरिम जमानत क्यों मांग रहे है, इसकी जगह तो आपको नियमित जमानत की मांग करनी चाहिए थी. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ताहिर हुसैन की याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. पूर्व आप पार्षद ताहिर हुसैन ने दिल्ली विधानसभा चुनाव, 2025 लड़ने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की है. हालांकि, दिल्ली हाई कोर्ट से पूर्व आप नेता को सशर्त कस्टडी पैरोल मिली है, जिससे कि वो नॉमिनेशन के लिए जरूरी प्रक्रिया को पूरी कर सके. ताहिर हुसैन ने आईबी इंस्पेक्टर अंकित शर्मा के मर्डर केस मामले में अंतरिम जमानत की मांग की है.

जस्टिस पंकज मिथल और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ पूर्व आप पार्षद ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही है. ताहिर हुसैन की ओर से अदालत के सामने सिद्धार्थ अग्रवाल पेश हुए है. सुप्रीम कोर्ट ने ताहिर हुसैन से पूछा कि 11 केस में 9 में आपको ज़मानत मिल चुकी है. अब बाकी केस में ज़मानत के बजाए अंतरिम जमानत मांगने का आधार क्या है.

इस पर ताहिर हुसैन के वकील ने बताया कि उनकी रेगुलर बेल याचिका दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष लंबित है और इसी दौरान अंतरिम जमानत की मांग की गई थी.

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ताहिर हुसैन के वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने अदालत को बताया कि उन्हें मार्च 2020 में मुझे गिरफ्तार किया था. मैने जांच में हमेशा सहयोग किया है. दिल्ली दंगो से पहले मुझ पर कोई आरोप नहीं था. इस केस के मुख्य आरोपियों को पहले ही ज़मानत मिल चुकी है.

कोर्ट ने पूछा कि आप किस मामले में जमानत की मांग कर रहे है? इस पर ताहिर हुसैन ने जबाव दिया कि वे आईबी इंस्पेक्टर अंकित शर्मा के हत्या के मामले में जमानत की मांग कर रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट:  आप ज़मानत पर बहस के बजाए अंतरिम ज़मानत पर क्यों अड़े है. क्या ज़िन्दगी के एकमात्र चीज जो अहमियत रखती है, वो चुनाव लड़ना ही है!  हम आपको चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम ज़मानत देने को इच्छुक नहीं है.

बीते दिन की सुनवाई में भी सुप्रीम कोर्ट ने मामले को आज के लिए टालते हुए कहा था कि आजकल लोग में बंद रह कर भी चुनाव लड़ रहे हैं, तो इसके लिए आपको जमानत क्यों चाहिए. इससे पहले, दिल्ली हाई कोर्ट ने चुनाव लड़ने के लिए 14 जनवरी से नौ फरवरी तक अंतरिम जमानत की हुसैन की याचिका को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि उनके खिलाफ आरोपों की गंभीरता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. अदालत ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि वह पूर्व पार्षद थे, उन्हें अंतरिम जमानत का हकदार नहीं माना जा सकता. हालांकि, उन्हें नॉमिनेशन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए कस्टडी पैरोल दिया है.