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बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक, 1 अक्टूबर को अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर अगली सुनवाई (1 अक्टूबर) तक रोक लगाते हुए कहा कि अदालत के इजाजत के बिना किसी प्रकार की डिमोलिशन नहीं की जानी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट (पिक क्रेडिट: PTI)

Written by Satyam Kumar |Updated : September 17, 2024 3:12 PM IST

Supreme Court On Bulldozer Justice: बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि कोर्ट की इजाजत के बिना दरम्यान कोई डिमोलिशन की कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए. अदालत ने साफ तौर पर कहा कि अगर सार्वजनिक रोड़, फुटपाथ, रेलवे लाइन पर किसी भी तरह का अतिक्रमण है , तो उसे हटाया जा सकता है. उसके हटाये जाने पर कोई रोक नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने 1 अक्टूबर तक बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाई है. मामले की अगली सुनवाई इसी दिन होनी है.

बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस ऋषिकेश, जस्टिस एसवीएन भट्टी और जस्टिस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने मामले की सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर अगली सुनवाई तक रोक लगाया है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि इस दौरान अतिक्रमण कर किए निर्माण को तोड़ने पर किसी तरह की पाबंदी नहीं है.

दोषी होने पर भी घर नहीं ध्वस्त कर सकते!

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन से नाराजगी जाहिर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महज किसी आरोपी के होने से आप किसी का घर गिरा दे रहे हैं, कानून के अनुसार तो दोषी का भी घर नहीं ठहाया जा सकता है. सुनवाई के दौरान जस्टिस विश्वनाथन ने सवाल किया कि अगर किसी व्यक्ति का बेटा किसी असामाजिक गतिविधि का आरोपी है तो भी क्या उस व्यक्ति का घर गिराना सही है? कोर्ट ने कहा कि हम अवैध निर्माण को संरक्षण देने के पक्ष में नहीं है, पर किसी शख्श के किसी केस में सिर्फ आरोपी होने के चलते आप उसका घर नहीं गिरा सकते. बुलडोजर एक्शन के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस बारे में दिशानिर्देश बनाएंगे, जिसका सभी राज्य पालन करें. कोर्ट ने इसके लिए सभी पक्षों से सुझाव देने को कहा है.

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बुलडोजर एक्शन बंद कराने को लेकर दायर है याचिका

बुलडोजर जस्टिस के खिलाफ जमीयत उलेमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में सुप्रीम कोर्ट से आरोपियों के घरों पर सरकारों द्वारा बुलडोजर चलाने पर रोक की मांग की गई है. याचिका में दावा किया गया है कि समाज में हाशिए पर मौजूद लोगों खासकर अल्पसंख्यकों के खिलाफ दमन चक्र चलाने और खौफजदा करने के मकसद से राज्य सरकारें उनके घर-संपत्ति पर बुलडोजर चलाने को बढ़ावा दे रही हैं.  याचिका में में हाल ही में यूपी, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बुलडोजर चलाने की घटनाओं का हवाला दिया गया है. अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाने का आरोप भी लगाया गया है.