CLAT 2025: कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट 2025 की परीक्षा के रिजल्ट को चुनौती देनेवाली याचिकाओं सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अहम फैसला सुनाया है. क्लैट 2025 के रिजल्ट से संबंधित सभी याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाई कोर्ट से सात दिन में दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में ट्रांसफर करने को कहा है. वहीं, साथ ही इन मामलों को 3 मार्च से पहले दिल्ली हाई कोर्ट की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया है. सुप्रीम कोर्ट का ये आदेश सभी याचिकाओं की एक साथ सुनवाई सुनिश्चित करने और जल्द से जल्द काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू करने को लेकर जरूरी है. बता दें कि दो छात्रों की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई किया, जिन्होंने क्लैट की आंसर की को चुनौती दी है, उन्होंने आंसर की में कमियों को उजागर करते हुए उसमें सुधार लाने का अनुरोध किया है.
सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस के वी विश्वनाथन की पीठ क्लैट परिणाम को चुनौती देनेवाली याचिकाओं पर सुनवाई किया. सुप्रीम कोर्ट ने खुद मामले को पहले सुनवाई से इंकार करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट को सभी लंबित याचिकाओं पर सुनवाई करने के निर्देश दिए है.
पिछली सुनवाई (15 जनवरी, 2025) में, सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया था कि वह क्लैट 2025 परीक्षा के परिणाम से संबंधित सभी याचिकाओं को एक हाई कोर्ट में ट्रांसफर कर सकती है.
क्लैट 2025 परीक्षा के रिजल्ट संबंधी याचिकाओं पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज (NLU) को दो आंसर की में बदलाव कर संशोधित रिजल्ट जारी करने के निर्देश दिए. वहीं, दिल्ली हाई कोर्ट में कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज ने फैसले का विरोध करते हुए कहा कि आंसर की एक्सपर्टस द्वारा तैयार की गई है. अदालत को मामले में एकेडमिक एक्सपर्ट के रूप में काम करने से बचना चाहिए. वहीं, छात्रों ने दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा तीन आपत्तियों को खारिज करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रुख किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इंकार करते हुए मामले की सुनवाई के लिए किसी एक हाई कोर्ट को तय करने की अनुमति दी. अब सुप्रीम कोर्ट ने क्लैट परीक्षा के परिणाम से संबंधित सभी याचिकाओं को दिल्ली हाई कोर्ट में सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है.