नई दिल्ली: बहुचर्चित श्रद्धा वाकर हत्याकांड केस में दिल्ली पुलिस की ओर से दायर की गयी चार्जशीट की सामग्री को मीडिया प्रसारित नहीं कर सकेगी. श्रद्धा वाकर के लिव-इन पार्टनर आफताब अमीन पूनावाला ने 18 मई, 2022 को श्रद्धा की बेहद बर्बर तरीके से हत्या को अंजाम दिया था. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने अदालत के समक्ष 6,629 पन्नों की चार्जशीट पेश की थी.
दिल्ली हाईकोर्ट ने अब इस चार्जशीट की सामग्री को किसी भी मीडिया को दिखाने और प्रसारण करने पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि उसके आदेश में नार्कोएनालिसिस के ऑडियो और सीसीटीवी फुटेज भी शामिल हैं, जिन्हें मीडिया को भी नहीं दिखाना चाहिए.
बुधवार को जारी किए आदेश में दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी टेलीविजन चैनलों और अन्य सभी मीडिया संगठनों को श्रद्धा वाकर हत्या केस की चार्जशीट की सामग्री प्रदर्शित करने या प्रकाशित करने से रोक दिया है.
यह आदेश जस्टिस रजनीश भटनागर ने दिल्ली पुलिस की ओर से दायर की गई याचिका पर दिया है. कोर्ट ने कहा कि चार्जशीट तक पहुंच रखने वाला कोई भी मीडिया चैनल या संगठन इसे अपने चैनल पर प्रदर्शित नहीं करेगा.
कोर्ट ने केंद्र सरकार को यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि कोई भी चैनल इस तरह की सामग्री प्रदर्शित न करे. गौरतलब है कि चार्जशीट की सामग्री के मीडिया में प्रसारण पर रोक को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने पहले ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर की थी.
ट्रायल कोर्ट ने इस तरह की रोक लगाने से इंकार करते हुए मामले में हाईकोर्ट जाने की छूट दी थी. ट्रायल कोर्ट के बाद दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर ये अनुरोध किया, जिस पर हाईकोर्ट ने ये आदेश दिया है.
मृतका और आरोपी आफताब कथित तौर पर डेटिंग ऐप्प के जरिए मिले थे और बाद में लिव-इन रिलेशनशिप में आ गए. 2022 की शुरुआत में दिल्ली में शिफ्ट होने से पहले दोनो ही मुंबई में रहते थे.
18 मई को महरौली में एक किराए के फ्लैट में दोनो के बीच हुए एक झगड़े के बाद आरोपी ने पीड़िता का गला घोंट हत्या कर दी और उसके उसके शरीर के 35 टुकड़े कर फ्रिज में रख दिया और बाद में अलग-अलग हिस्सों में फेंक दिया था.