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हार्दिक पटेल और साथियों को 'राजद्रोह' मामले में बड़ी राहत, Gujarat Court ने राज्य की मुकदमा वापस लेने की मांग को स्वीकृति दी

गुजरात की सत्र अदालत ने गुजरात सरकार की याचिका को स्वीकार करते हुए हार्दिक पटेल और चार अन्य के खिलाफ राजद्रोह के मामलों को वापस लेने का निर्णय लिया है.

Hardik Patel, Session Court

Written by Satyam Kumar |Published : March 3, 2025 10:54 AM IST

गुजरात की एक सत्र अदालत (Session Court)  ने 2015 के पाटीदार आरक्षण आंदोलन से संबंधित भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक हार्दिक पटेल और चार अन्य के खिलाफ राजद्रोह के मामले वापस लेने संबंधी गुजरात सरकार की याचिका को स्वीकार कर लिया है. शनिवार को पारित अपने आदेश में, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (Additional Session Judge) एमपी पुरोहित की अदालत ने विशेष लोक अभियोजक सुधीर ब्रह्मभट्ट द्वारा हार्दिक पटेल, दिनेश बांभणिया, चिराग पटेल, केतन पटेल और अल्पेश कथीरिया के खिलाफ राजद्रोह के मामलों को वापस लेने के लिए दायर अर्जी स्वीकार कर ली. अदालत ने पांचों आरोपियों को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 321 (ए) के तहत लगाये गए सभी आरोपों को अभियोजन द्वारा वापस लिया गया मानते हुए आरोप मुक्त कर दिया.

राज्य सरकार ने वापस लिया मुकदमा

तीन आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए गए, लेकिन केतन पटेल के खिलाफ आरोप तय नहीं किए गए, क्योंकि उन्हें मामले में गवाह के तौर पर पेश होने के आधार पर माफी दे दी गई. वहीं, जांच अधिकारी द्वारा आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोपपत्र (Supplementary Chargesheet) दाखिल किए जाने के बाद कथीरिया के खिलाफ मामला, आरोप तय किए जाने के चरण में लंबित था. गुजरात सरकार ने पिछले महीने, 2015 के पाटीदार आरक्षण आंदोलन के संबंध में दर्ज नौ मामलों को वापस लेने का फैसला किया था, जिनमें राजद्रोह के दो मामले भी शामिल थे. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि पांचों लोगों पर शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में आरक्षण के लिए पाटीदार समुदाय के सदस्यों को भड़काने का आरोप है और उन्होंने इसे सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया, जिसका मकसद ‘‘नफरत फैलाना और गुजरात सरकार के प्रति असंतोष पैदा करना था.’’

2015 का है राजद्रोह का मामला

अहमदाबाद में 25 अगस्त 2015 को पटेल समुदाय की विशाल रैली के बाद, गुजरात में व्यापक स्तर पर हुई हिंसा हुई थी. शहर की अपराध शाखा ने हार्दिक पटेल और उनके तीन सहयोगियों को गिरफ्तार किया था और उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124 ए (राजद्रोह) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया था. सूरत पुलिस ने हार्दिक पटेल के विरूद्ध राजद्रोह का एक और मामला दर्ज किया था। उन पर अपने समुदाय के युवाओं को पुलिसकर्मियों की जान लेने के लिए उकसाने का आरोप है. 

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खबर एजेंसी इनपुट के आधार पर है)