नई दिल्ली: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआणा को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राजेआणा की याचिका पर सुनवाई करते हुए फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने से इंकार कर दिया है.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने दोषी बलवंत सिंह राजोआणा की ओर केन्द्र सरकार के समक्ष दायर दया याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय को आदेश दिए है कि वह राजोआणा की याचिका पर जल्द फैसला करें.
गौरतलब है कि करीब 11 वर्ष भी सुप्रीम कोर्ट ने बलवंत की फांसी के खिलाफ दायर दया याचिका पर सुनवाई से ही इनकार कर दिया था, जिसे एक एनजीओ की ओर से दायर की गयी थी.
भारत में बब्बर खालसा के आतंकी बलवंत सिंह राजोआणा ने वर्ष 1995 में मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या की थी. 31 अगस्त 1995 को पंजाब विधानसभा के सामने तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की कार को बम विस्फोट से उड़ाया गया था.
हमले में सीएम समेत कुल 17 लोगों की जान गई थी. सीबीआई की विशेष अदालत ने 31 जुलाई 2007 को जगतार सिंह हवारा और बलवंत सिंह राजोआणा को फांसी की सजा सुनाई थी.हत्या के मामले में राजोआणा को 2007 में दोषी मानते हुए फांसी की सुनाई गयी थी.
राजोआणा को 31 मार्च 2012 को फांसी पर चढ़ाया जाना था, लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर रोक लगा दी थी.
पिछले 27 सालों से जेल में बंद है राजोआना अब 56 साल का हो गया हैं. बलवंत सिंह राजोआना के वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि मौत की सज़ा के मामले में लंबे समय तक देरी करना मौलिक अधिकार का हनन है.
करीब 11 साल के लंबे इंतजार के बाद राजोआना की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गयी थी.