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पैसे लेकर 'रेप मामले' में हुआ था समझौता, अब दिल्ली हाईकोर्ट ने FIR रद्द करने से किया इंकार, जानिए फैसले में क्या कहा?

हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने रेप के मामले में हुए FIR को रद्द करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने पैसे लेकर हुए समझौते को 'सही न्याय' का उल्लंघन माना. अदालत ने कहा कि इस मामले का फैसला ट्रायल के माध्यम से ही होगा, भले ही उसमें गलती पीड़िता पक्ष की निकले या आरोपी की. 

दिल्ली हाईकोर्ट

Written by Satyam Kumar |Updated : July 2, 2024 6:19 PM IST

हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने रेप के मामले में हुए FIR को रद्द करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने पैसे लेकर हुए समझौते को 'सही न्याय' का उल्लंघन माना. अदालत ने कहा कि इस मामले का फैसला ट्रायल के माध्यम से ही होगा, भले ही उसमें गलती पीड़िता पक्ष की निकले या आरोपी की.

जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा की बेंच ने FIR को रद्द करने से इंकार कर दिया है. जस्टिस ने कहा कि मामले में न्याय असल अपराधी का पता लगाने पर ही हो पाएगी. इसके लिए ट्रायल जरूरी है. अगर पीड़िता ने झूठ बोला है या दूसरे पक्ष ने अपराध किया है तो उन्हें ट्रायल के लिए तैयार रहनी चाहिए.

अदालत ने कहा,

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"अगर पीड़िता ने झूठे आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज कराई है, तो उसे ऐसा साबित होने पर उसे परिणाम भुगतने होंगे. मामले में FIR रद्द नहीं की जा सकती है."

अदालत ने आगे कहा,

"घटना की सच्चाई पता करने के लिए ट्रायल आवश्यक है जिससे यह निर्धारित हो कि क्या आरोपी ने अपराध किया हैं या शिकायतकर्ता ने झूठी शिकायत दर्ज कराई है? और अब 1.5 लाख रुपये स्वीकार करके समझौता करना चाहता है."

अदालत ने ये भी कहा,

"इस मामले में अदालत की राय है कि सही न्याय और न्याय का उद्देश्य बिना किसी ट्रायल के FIR रद्द करने से नहीं, बल्कि असली अपराधी का पता लगाने के लिए निष्पक्ष रूप से ट्रायल आयोजित करने होंगे, चाहे वह आरोपी हो या शिकायतकर्ता."

अदालत ने FIR को रद्द करने से साफ मना कर दिया है. वहीं दोनों पक्षों को ट्रायल के लिए तैयार होने के निर्देश दिए हैं.

क्या है मामला?

जानकारी के अनुसार, याचिकाकर्ता ने अदालत से FIR को रद्द करने की मांग की. याचिकाकर्ता के वकील ने दावा कि दोनों पक्षों में 1.5 लाख रूपये पर आपस में समझौता किया है. वकील ने ये भी कहा कि पीड़ित पक्ष ने समझौता के लिए 12 लाख रूपये की मांग की थी, लेकिन दोनों पक्षों की सहमति 12 लाख रूपये पर हुई.

वकील ने कहा कल प्रतिवादियों में समझौता हो गया है. इसलिए FIR को रद्द करने की इजाजत दें. हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने FIR को रद्द करने से इंकार कर दिया है.

FIR के अनुसार, पीड़िता ने आरोप लगाया, जो एक अकेली मां है, याचिकाकर्ता (आरोपी) से सोशल मीडिया पर मिली थी. आरोपी ने खुद को तलाकशुदा व्यक्ति बताया था. आरोपी अक्सर उससे मिलता था और यहां तक कि उसके बेटे की जन्मदिन की पार्टी में भी शामिल हुआ था. मिलने-जुलने के क्रम में एक दिन, जब पीड़िता का बेटा घर पर नहीं था, आरोपी शराब के नशे में उसके घर आया. आरोपी ने पीड़िता की ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाया और उसका यौन शोषण किया था. इस घटना को लेकर पीड़िता ने FIR दर्ज कराई, अब इसी FIR को रद्द करने की मांग को लेकर आरोपी ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की जिससे अदालत ने खारिज कर दिया.