Rajkot Gaming Zone Fire: राजकोट गेमिंग जोन में आग लगने के बाद गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य के नगर पालिकाओं को नोटिस जारी किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर गुजरात हाईकोर्ट ने इस घटना को स्वत: संज्ञान में लिया. साथ ही रजिस्ट्री को इस घटना पर जनहित याचिका (PIL) दायर करने के निर्देश दिए हैं. राजकोट के टीआरपी गेमिंग जोन सेंटर में आग लगने की वजह से 27 बच्चों की मौत हो गई. गुजरात हाईकोर्ट ने स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स को आधार बनाते हुए इस घटना को स्वत: संज्ञान में लिया.
गुजरात हाईकोर्ट ने घटना की भयावहता को को स्वत: संज्ञान में लिया. अदालत ने स्पष्ट कहा कि ये घटना मानव जनित है. दूसरे शब्दों में, लोगों की लापरवाही के चलते घटित हुई.
बेंच ने कहा,
"प्रथम दृष्टतया, यह एक मानव जनित घटना है, जिसमें निर्दोष बच्चों की जान चली गई. उनके परिवार में मातम का महौल है."
गुजरात हाईकोर्ट में, जस्टिस बीरेन बैष्णव और जस्टिस देवन एम देसाई की डिवीजन बेंच ने राजकोट की घटना को स्वत: संज्ञान में लेने के आदेश दिए हैं. रजिस्ट्री को PIL दायर करने के निर्देश दिए हैं.
बेंच ने कहा,
"समाचर पत्रों की रिपोर्टिंग के मुताबिक, गेमिंग जोन वालों ने सीजीडीसीआर के नियमों की लूपहोल्स का फायदा उठाया."
अदालत ने पाया कि गुजरात कॉम्प्रिहेंसिव जनरल डेवलपमेंट कंट्रोल रेगुलेशन्स (CGDCR) के नियमों में लूपहोल्स निकालकर गेमिंग जोन कंपनियां लाइसेंस निकलवाने में सफल रहें.
बेंच ने आगे कहा,
"लेकिन राज्य के संबंधित नगर पालिकाएं यह बताएं कि ये गेमिंग जोन को लाइसेंस कैसे मिली, क्या लाइसेंस में फायर सेफ्टी के नियम को लेकर कोई चर्चा की गई हैं."
अदालत ने राजकोट, सूरत, अहमादाबाद और बड़ौदा नगर निगम से जवाब देने को कहा है.
शनिवार के दिन, गुजरात के राजकोट के गेमिंग जोन में आग लग गई. आग की चपेट में आने से, कथित तौर पर, 27 बच्चों की मौत हो गई. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गेमिंग जोन सेंटर के पास ज्वलनशील पदार्थ जैसे- पेट्रोल आदि रखा गया था, जिसके चलते आग की भयावहता और बढ़ी और इस घटना ने 27 मासूम बच्चों की जिंदगी निगल गई.
रजिस्ट्री इस मामले को कल इसी बेंच के सामने पेश करेगी.