बीते देर रात ने पाकिस्तान ने भारत के आम नागरिकों पर बेतहाशा बमबारी की, लेकिन भारतीय सेना ने अपने कौशल और मजबूत डिफेंस सिस्टम के तहत इन हमलों का करारा जबाव दिया. जब देश इस गंभीर स्थिति से निपट रहा है तो देश का कोर्ट इससे कैसे अछूता रह सकता है. मामला पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट बार एसोसिएशन का है, जहां वकीलों ने पाकिस्तान के हमले से निराशा व्यक्त करने के लिए नो वर्क डे मनाने का फैसला किया. इस बात की खबर जब चीफ जस्टिस शील नागू को हुई, उन्होंने इस विचार से नाराजगी जाहिर करते हुए एसोसिएशन को फटकार लगाई. आइये जानते हैं कि हाई कोर्ट ने क्या कहा...
बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह वाक्या पंजाब और हरियाणा के बीच पानी के विवाद को लेकर हो रहे सुनवाई के दौरान हुआ. चीफ जस्टिस को खबर हुई कि बार एसोसिएशन ने बड़े स्तर पर अपने काम से दूर रहने का फैसला लिया है. इसे लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू ने कहा कि हमारे जवान युद्ध पर है और आपको काम से दूर घर पर रहना है, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. सैनिकों की तरह देश के सभी संस्थानों को अपने काम में लगे रहना चाहिए.
वकील ने जवाब दिया कि पंजाब और हरियाणा बार काउंसिल ने भी काम न करने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि आज सुबह करीब 11 बजे पंचकूला में सायरन बजने लगे. जिससे आवाजाही थम सी गई है. इससे आपत्ति जताते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि हम घर से काम कर सकते हैं, हमारे पास प्लेटफॉर्म है. हमारे पास प्लेटफॉर्म है. हर कोई घर पर बैठकर एक-दूसरे से जुड़ा रह सकता है.
बीबीएमबी ने पंजाब सरकार पर आरोप लगाया कि पंजाब पुलिस भाखड़ा नांगल बांध से हरियाणा को पानी छोड़ने में बाधा डाल रही है। इसी कारण उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. उच्च न्यायालय ने पंजाब सरकार को बांध के दैनिक संचालन में हस्तक्षेप करने से रोकने का आदेश दिया. हालांकि, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि पंजाब पुलिस बांध और बीबीएमबी के कर्मचारियों की सुरक्षा कर सकती है.