कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी के चलते विवादों के फंसे मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज दूसरे दिन सुनवाई की. शीर्ष अदालत ने बीजेपी नेता के माफीनामे से नाराजगी जाहिर करते हुए इसे स्वीकार करने से इंकार कर दिया, लेकिन गिरफ्तारी पर रोक लगाई है. अदालत ने इस FIR की जांच करने के मामले में तीन सदस्यीय एसआईटी कमेटी भी गठित किया है. वहीं वकील मनिंदर सिंह शाह की ओर से पेश हुए. उन्होंने अपने मुवक्किल का पक्ष रखते हुए कहा कि विजय शाह अपने बयान के लिए माफी मांग चुके है
आज दोबारा से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमे आपकी माफी की ज़रूरत नहीं है. ये अदालत की अवमानना का केस नहीं है कि आप माफी मांग कर बच जाओ. आपकी 'अपोलॉजी' को अदालत में दाखिल अर्जी के साथ जोड़ रहे है. कानून के मुताबिक इसका निपटारा किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा,
"ये हमारी सेना के लिए इमोशनल पल है. हमे उन पर गर्व है और आप जिम्मेदार पद पर होकर ऐसी गैरजिम्मेदाराना टिप्पणी कर रहे है. हमने आपके बयान को देखा है. आपकी भाषा बेहद खराब थी."
सुप्रीम कोर्ट ने विजय शाह की माफ़ी पर सवाल उठाया. कोर्ट ने कहा कि हम इस माफी की स्वीकार नहीं कर रहे है! कोर्ट ने आगे पूछा कि आपने किस तरह की माफ़ी मांगी है. कई बार लोग सिर्फ बुरे नतीजे से बचने के लिए माफी का दिखावा करते है, इसलिए हम जानना चाहते है कि आपने कैसी माफी मांगी है,!
सुप्रीम कोर्ट ने कहा,
आप जो माफ़ी भी मांग रहे है वो भी बिना शर्त के नहीं है. आपके शब्द है कि अगर मेरे से कोई आहत हुआ है तो.. आप इसमे भी शर्त लगा रहे है!
सुप्रीम कोर्ट ने विजय शाह के वकील से कहा कि समूचा देश आपके बयान पर शर्मिंदा है. आप देखें कि कैसी माफी देकर आप इससे बच सकते है!
सुप्रीम कोर्ट ने कहा,
"आपने बयान 12 मई को दिया. आज 19 मई है. आप आज जाकर खेद व्यक्त कर रहे है! आप जनता के सामने पूरी तरह एक्सपोज हो चुके है."
शीर्ष अदालत ने दर्ज FIR पर विजय शाह को राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपनी ओर से FIR ने जांच के लिए SIT का गठन किया. इस SIT में तीन सीनियर पुलिस अधिकारी शामिल होंगे. ये तीनों अधिकारी MP कैडर के होंगे, लेकिन इनमें से कोई भी मध्य प्रदेश में पदस्थ नहीं होगा. SIT में एक महिला पुलिस अधिकारी होंगी. सुप्रीम कोर्ट ने गठित SIT से कहा कि वो कोर्ट को रिपोर्ट देंगे. अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई 28 मई को करेगी.