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Pune Hit And Run Case: दादा, पिता और अब डॉक्टर...नाबालिग की गलती छिपाने में कौन-कौन गिरफ्तार हुआ?

पुणे हिट एंड रन की घटना में दो लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी. (पिक क्रेडिट: X)

पुणे हिट एंड रन केस में नाबालिग आरोपी, उसके पिता, दादा के साथ ड्राइवर और अब ब्लड सैंपल बदलने वाले डॉक्टर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

Written by Satyam Kumar |Updated : May 28, 2024 11:44 AM IST

Pune Hit And Run Case: 17 वर्षीय नाबालिग आरोपी की गलती और उस पर पर्दा डालने के प्रयास में घर के सदस्य से लेकर बार मैनेजर तक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. अब इस सूची में आरोपी के ब्लड सैंपल लेने वाले डॉक्टर का नाम भी जुड़ गया है. गिरफ्तार डॉक्टर ने ब्लड सैंपल खून में एल्कोहल की मात्रा जांच करने के लिया था, जिसे उन्होंने किसी अन्य मरीज के ब्लड सैंपल से बदल दिया. अब पुलिस ने जांच से जुड़े दो डॉक्टर और एक चपरासी को गिरफ्तार किया है.

पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने बताया कि पकड़े गए डॉक्टर के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और सबूतों से छेड़छाड़ करना आदि के चार्जेस लगाए.

पुलिस कमिश्नर ने कहा,

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"जिन डॉक्टरों ने सैंपल को फोरेंसिक को भेजा था, उन्हें गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने आरोपी के सैंपल को कूड़ेदान में फेंक दिया और किसी अन्य के ब्लड सैंपल को जांच के लिए भेज दिया है."

पुलिस कमिश्नर के अनुसार, डॉक्टर को इसी गलती के चलते गिरफ्तार किया गया है और उन्हें आज दी अदालत के समाने पेश किया जाएगा.

पुलिस ने किसे-किसे गिरफ्तार किया?

पोर्श कार एक्सीडेंट की घटना में दो इंजीनियर को अपनी जान गवानी पड़ी. इस दुखद घटना के 15 घंटे के बाद ही जब मजिस्ट्रेट ने आरोपी को निबंध लिखने की सजा के साथ छोड़ा, तो पूरे देश के लोगों ने इस पर कार्रवाई की मांग की.

सख्त कार्रवाई की मांग उठने के बाद, पुलिस ने 17 वर्षीय नाबालिग आरोपी को दोबारा से हिरासत में लिया. आरोपी को शराब सर्व करने वाले पब (बार) को पुलिस ने सील किया, संबंधित कर्मचारियों को गिरफ्तार भी किया. बार मालिकों के अलावे नाबालिग के दादा, पिता को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. नाबालिग के दादा पर घर के गाड़ी ड्राइवर को बंधक बनाकर रखने का आरोप हैं. वहीं, नाबालिग के दादा को 25 मई को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

वहीं, नाबालिग के पिता को पुलिस ने बच्चे का ठीक ढंग से ख्याल नहीं रखने को गिरफ्तार किया है. साथ ही सड़क दुर्घटना में नाबालिग बच्चे के कृत्यों की जिम्मेदारी पैरेंट्स पर ही होती है. 7 मई के दिन उन्हें न्यायिक कस्टडी में भेजा गया है.