प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ से लोगों की मौत के मामले में जांच के निर्देश देने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इंकार किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण हैं, लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट में इस घटना को लेकर पहले से ही याचिका लंबित है. आप चाहें तो वहां जाकर अपनी बात रख सकते हैं. बता दें कि याचिकाकर्ता ने प्रयागराज भगदड़ में हुई 30 मौतों को लेकर जांच कराने व जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की थी.
प्रयागराज महाकुंभ में भगदड से हुई मौत मामले में दाखिल जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इंकार किया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने के निर्देश दिए हैं. सुनवाई के दौरान सीजेआई संजीव खन्ना (CJI Sanjiv Khanna) ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. यह वाकई चिंता का विषय है, पर इलाहाबाद HC में पहले से ही इस मसले को लेकर याचिका पेंडिंग है. इसलिए याचिकाकर्ता वही जाकर अपनी बात रख सकते है. वहीं, यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सरकार ने जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है.
वकील विशाल तिवारी की ओर से दायर याचिका में महाकुंभ मे हुई भगदड पर यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट तलब करने और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई थी. याचिका में सभी राज्यों द्वारा कुंभ मेला क्षेत्र मे सुविधा सेंटर खोलने की मांग की गई है जिससे गैर हिन्दी भाषी लोगों को सुविधा मिले. याचिका मे मांग की गई है कि ऐसे आयोजनों में वीआईपी मूवमेंट सीमित किया जाए और ज्यादा से ज्यादा स्पेस आम आदमी के लिए रखा जाना चाहिए. याचिका में बड़े धार्मिक आयोजनों में भगदड़ से बचने और लोगों को सही जानकारी दिए जाने के लिए देश की प्रमुख भाषाओं में डिस्पले बोर्ड लगाने, मोबाइल, व्हाट्सएप पर राज्यों द्वारा अपने तीर्थयात्रियों को जानकारी दिए जाने की मांग की गई थी.