सुप्रीम कोर्ट में एक पीआईएल की सुनवाई हो रही थी. सुनवाई के दौरान सीजेआई ने वकील के रवैये से नाराजगी जताई. नाराजगी इस कदर बढ़ी की सीजेआई ने वकील के ऊपर पांच लाख की जुर्माने लगाने की बात कहीं. वकील ने इस PIL के जरिए निर्यात प्रोत्साहन क्षेत्र के प्रावधानों को चुनौती दी थी. याचिकाकर्ता वकील ने ऐसा किसी निजी कंपनी को लाभ पहुंचाने के दृष्टिकोण से किया. इस रवैये पर सीजेआई ने नाराजगी जताई.
सीजेआई ने याचिकाकर्ता वकील से नाराजगी जताई. सुनवाई के दौरान कहा कि आपने ये PIL किसी प्राइवेट कंपनी के निर्देश पर किया है. ऐसा करके आप निर्यात प्रोत्साहन क्षेत्र (Export Promotion Zone) प्रक्रिया को चुनौती दे रहे हैं. अब ये सब नहीं चलेगा. हम आपके खिलाफ पांच लाख जुर्माने की घोषणा कर रहे हैं.
वकील ने सीजेआई से याचिका रद्द करने की अनुमति मांगी. अनुमति स्वीकार करते हुए पीठ ने याचिका खारिज कर दी. हांलाकि, अब तक केस और वकील से जुड़ी जानकारी बाहर नहीं आई है.
व्यापार को सरल बनाने (Trade Facilitation) के लिये देशों के बीच व्यापार सुविधा समझौते की रूपरेखा का निर्माण किया गया है. इसमें उन सभी क्षेत्रों को शामिल किया गया, जिसमें आपसी व्यापार के शुल्क को कम किया जा सके. इस समझौते में देशों को अपने सीमा शुल्क एवं सुविधाओं में परिवर्तन भी करना होगा. हर देश अपने क्षेत्र में निर्यात बढ़ाने के लिए बाहर निर्यात सब्सिडी का प्रयोग करते हैं. हालांकि, इन सब्सिडी पर हमेशा से प्रश्नचिह्न लगते रहे हैं, क्योंकि इस प्रकार की सब्सिडी का असली प्रभाव कभी भी स्पष्ट रूप से नहीं पता चलता है.