नई दिल्ली : केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) द्वारा बुलाई गई हड़ताल के दौरान हिंसा में सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान के संबंध में वसूली की कार्रवाई पूरी करने में राज्य सरकार की ओर से विलंब पर बुधवार को अप्रसन्न्ता जताई है. केरल सरकार को Rs 5.2 करोड़ के हर्जाने की वसूली करने का निर्देश सितंबर 29, 2022 में दिया था.
सुनवाई के दौरान, केरल उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को वसूली की प्रक्रिया पूरी करने के लिए आखिरी मौका दिया है और तत्काल कार्रवाई पूरी करने को कहा है. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि वह कार्रवाई पूरी करने के बाद पर 23 जनवरी को या उससे पहले रिपोर्ट पेश करे. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि वसूली की कार्रवाई के लिए कोई नोटिस जारी करने की जरूरत नहीं है.
पिछले साल 19 दिसंबर की सुनवाई में, केरल हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को ₹5.2 करोड़ के हर्जाने की वसूली शुरू करने में विफल रहने के कारण फटकार लगाई थी. न्यायालय ने यह भी कहा था कि सरकारी विभाग न्यायपालिका को सरकार के किसी अन्य विभाग की तरह ना समझें और पारित किए गए आदेशों को सख्ती से लागू करें.
जिसके बाद 23 दिसंबर को हुई सुनवाई में केरल सरकार ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि पीएफआई की संपत्ति / संपत्तियों के साथ-साथ सचिव, अब्दुल सथार सहित इसके पदाधिकारियों की व्यक्तिगत संपत्ति के खिलाफ राजस्व वसूली की कार्रवाई को 15 जनवरी तक समाप्त कर दिया जाएगा, लेकिन सरकार अपने आश्वासन को निभा ना सकी और अभी तक वसूली की कार्रवाई पूरी करने में विफल रही.
अब प्रतिबंधित पीएफआई (PFI) यानि पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया ने 22 सितम्बर को केरल में हड़ताल का आह्वान किया था. उसी दिन केरल हाई कोर्ट ने, इस हड़ताल को स्वतः संज्ञान में लिया और उसे अपने 2019 में हड़ताल के संबंध में पारित किए गए दिशा-निर्देशों की अवमानना में पाया. साथ-ही-साथ पुलिस को आदेश दिए गए कि सार्वजनिक व निजी संपत्ति को सुरक्षित रखने के लिए हर संभव उपाय किया जाए.
23 सितंबर को हड़ताल के दौरान काफी हंगामा हुआ. कई सार्वजनिक परिवहन बसों और सरकारी वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया, दुकानों में तोड़फोड़ की गई और हड़ताल के दौरान सैकड़ों लोग घायल हो गए.
26 सितंबर को केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई. निगम ने बताया कि हड़ताल के दौरान किए गए पथराव के कारण उनकी 56 बसों को नुकसान पहुंचा है और उन्होंने पीएफआई से ₹5.06 करोड़ के मुआवजे की मांग की. 29 सितंबर को केरल हाई कोर्ट ने हड़ताल में हुए नुकसान के बदले पीएफआई को 2 हफ़्तों के भीतर 5.2 करोड़ रूपए भरने का निर्देश दिया था.