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BPSC Prelims परीक्षा रद्द करने की मांग पर पटना हाई कोर्ट ने रिजर्व रखा फैसला, दोपहर तक फैसला आने की उम्मीद

70वीं बीपीएससी प्रिलिम्स परीक्षा रद्द कराने की मांग याचिकाओं पर पटना हाईकोर्ट आज दोपहर तक अपना फैसला सुनाएगी.

बीपीएससी, पटना हाई कोर्ट

Written by Satyam Kumar |Published : January 16, 2025 1:10 PM IST

70वीं बीपीएससी प्रिलिम्स परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर पटना हाईकोर्ट ने अपनी सुनवाई पूरी की. रिपोर्ट्स की मानें तो हाईकोर्ट आज ढ़ाई बजे तक अपना फैसला सुना सकती है. पिछले दिन यानि की बुधवार को चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन के विदाई समारोह के कारण इस मामले की सुनवाई टल गई थी. आज हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों के मामले पर सुनवाई की है. इस दिन छात्रों ने मामले में एक पूरक हलफनामा दायर किया था. पटना हाईकोर्ट परीक्षार्थी पप्पू कुमार की याचिका पर सुनवाई कर रही है

पटना हाईकोर्ट में जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल की अदालत में बीपीएससी प्रिलिम्स की परीक्षा रद्द कर उसे दोबारा से कंडक्ट कराने की मांग याचिकाओं पर सुनवाई हुई. सुनवाई के शुरू होते ही सरकारी वकील ने अदालत से अनुरोध किया कि मामले से जुड़ी सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करे.

छात्रों ने पूरक हलफनामे के साथ अदालत को सूचित किया कि 70वीं बीपीएससी प्रिलिम्स की परीक्षा 13 दिसंबर और 4 जनवरी के दिन हुआ. 13 दिसंबर के दिन कुछ इक्जाम सेंटर पर प्रिलिम्स परीक्षा रद्द कर दिया गया, जिसे दोबारा से 4 जनवरी के दिन लिया गया है. छात्रों ने अदालत को बताया कि 13 दिसंबर के क्वेश्चन पेपर के दो प्रश्न 4 जनवरी को रिपीट किए गए थे. उसके अलावे 4 जनवरी के दिन की परीक्षा के 'जे सीरीज' के एक प्रश्न को गलत ठहराते हुए कुल तीन चार प्रश्नों को हटाया गया. छात्रों ने दावा किया कि दो प्रश्न रिपीट करने व चार प्रश्न कैंसिल करने से 4 जनवरी के दिन परीक्षा देनेवाले छात्रों को सीधे 6 अंकों का फायदा होगा.

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70वीं बीपीएससी परीक्षा को रद्द कराने की मांग को लेकर पटना हाईकोर्ट से पहले  सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिस पर सीजेआई संजीव खन्ना, जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने सुनवाई की. शीर्ष अदालत ने क्षेत्राधिकार का हवाला देते हुए छात्रों से कहा कि वे राहत की मांग के लिए पहले इस रिट याचिका को लेकर पटना हाईकोर्ट में जाएं. बता दें कि आर्टिकल 226 के अनुसार हाईकोर्ट को विशेष रिट जारी करने का अधिकार है, जो उनके अधिकार क्षेत्र में आता है.