मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने शनिवार को डॉक्टरों से कहा कि वे अपनी हड़ताल वापस लें और बिना किसी देरी के चिकित्सा सेवाएं बहाल करें. हाईकोर्ट ने डॉक्टरों से अपनी शिकायत दर्ज कराने को कहा है, जिन पर प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई की जाएगी. हाईकोर्ट का यह फैसला मध्य प्रदेश भर के अस्पतालों के इमरजेंसी वार्डों में भर्ती मरीजों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है.
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति राज मोहन सिंह की खंडपीठ ने शनिवार को सुनवाई के दौरान यह निर्देश जारी किया। पिछले हफ्ते कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म-हत्या के विरोध में डॉक्टर हड़ताल पर हैं.
शुक्रवार को कोर्ट ने राज्य सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब मांगा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने जूनियर डॉक्टर की बलात्कार-हत्या के विरोध में शनिवार सुबह 6 बजे से 24 घंटे के लिए गैर-आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को बंद करने की घोषणा की है.
कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में हुए क्रूर अपराध और स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर प्रदर्शनकारी छात्रों पर की गई गुंडागर्दी के बाद, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने शनिवार सुबह 6 बजे से रविवार सुबह 6 बजे तक 24 घंटे के लिए आधुनिक चिकित्सा के डॉक्टरों द्वारा सेवाओं को बंद करने की घोषणा की है.
"सभी आवश्यक सेवाएँ जारी रहेंगी. आपातकालीन सेवाओं के लिए कर्मचारी उपलब्ध रहेंगे। नियमित ओपीडी काम नहीं करेंगे और वैकल्पिक सर्जरी नहीं की जाएगी। यह वापसी उन सभी क्षेत्रों में है जहाँ आधुनिक चिकित्सा के डॉक्टर सेवा प्रदान कर रहे हैं.
आईएमए ने गुरुवार को एक बयान में कहा,
"आईएमए को अपने डॉक्टरों के लिए राष्ट्र की सहानुभूति की आवश्यकता है."
IANS की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार से मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में सैकड़ों रेजिडेंट डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया है, जिससे चिकित्सा सेवाएं बाधित हुई हैं. भोपाल के डॉक्टरों ने दावा किया कि उन्होंने ओपीडी में मरीजों को देखना बंद कर दिया है, लेकिन आपातकालीन मामलों को प्राथमिकता दी जा रही है.