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यूनियन कार्बाइड के 337 टन अपशिष्ट निपटारे का मामला, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई आज

स्थानीय लोग भोपाल से करीब 250 किलोमीटर दूर धार जिले के पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के 337 टन अपशिष्ट का निपटान किए जाने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसे लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट इस मामले की दोबारा से सुनवाई कर सकती है.

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

Written by My Lord Team |Updated : January 6, 2025 11:11 AM IST

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय यूनियन कार्बाइड के अपशिष्ट निपटान से जुड़े मामले पर सोमवार यानि की आज सुनवाई कर सकता है. स्थानीय लोग भोपाल से करीब 250 किलोमीटर दूर धार जिले के पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के 337 टन अपशिष्ट का निपटान किए जाने के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं. विरोध प्रदर्शन के दौरान दो लोगों ने आत्मदाह का प्रयास भी किया है, जिसे देखते हुए इस मामले को सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ के समक्ष दोबारा से सूचीबद्ध किया गया है.

अपशिष्ट निपटारे की अनदेखी पर होगी अवमानना की कार्यवाही: HC

इससे पहले मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने तीन दिसंबर को इस कचरे को स्थानांतरित करने के लिए चार सप्ताह की समय-सीमा तय की थी. अदालत ने सरकार को चेतावनी भी दी थी कि अगर उसके निर्देश का पालन नहीं किया गया, तो अवमानना की कार्यवाही की जाएगी. अदालत के आदेश पर सरकार ने अपशिष्ट निपटारे के लिए पीथमपुर के लेकर आई है, लेकिन सरकार के इस कार्यवाही का लोग विरोध कर रहे हैं.

यूनियन कार्बाइड कारखाने के जहरीले कचरे के निपटारे की योजना के खिलाफ पीथमपुर में विरोध प्रदर्शन के दौरान शुक्रवार को दो लोगों द्वारा आत्मदाह के प्रयास की घटना के बाद प्रदेश सरकार ने देर रात आपात बैठक बुलाई. अब विरोध प्रदर्शन के बाद हाईकोर्ट के समक्ष दोबारा से इस मामले को रखा गया है. जिस पर सरकार ने पीटीआई को बताया कि वे अदालत के सुनवाई के दौरान अवशिष्ट निपचटारे के लिए अतिरिक्त समय की मांग करेंगे.

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मध्यप्रदेश के धार जिले की करीब 20,000 की आबादी वाले तारपुरा गांव में पुलिस बल की तैनाती के बीच हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. यह गांव पीथमपुर की उस अपशिष्ट निपटान इकाई से एकदम सटा है, जहां भोपाल के यूनियन कार्बाइड कारखाने के 337 जहरीले कचरे को निपटान के लिए लाया गया है. विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों में से दो ने आत्मदाह का भी प्रयास किया है. विरोध कर रहे स्थानीय लोगों का दावा है कि 2015 के दौरान पीथमपुर में परीक्षण के तौर पर यूनियन कार्बाइड के 10 टन कचरे को नष्ट किया गया था, जिसके बाद आस-पास के गांवों की मिट्टी, भूमिगत जल और जल स्रोत प्रदूषित हो गए.

भोपाल त्रासदी की घटना

भोपाल में दो और तीन दिसंबर 1984 की दरमियानी रात यूनियन कार्बाइड कारखाने से अत्यधिक जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) गैस का रिसाव हुआ था. इससे कम से कम 5,479 लोग मारे गए थे और हजारों लोग अपंग हो गए थे. इसे दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक आपदाओं में से एक माना जाता है. इस घटना को भोपाल त्रासदी के नाम से भी जाना जाता है.