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पति का पत्नी को Job छोड़ने के लिए मजबूर करना, उसे मनमुताबिक रहने को बाध्य करना 'क्रूरता', मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने Divorce को दी मंजूरी

इंदौर में पदस्थ महिला ने पति से तलाक की मांग करते हुए दावा किया था  कि वह उसे नौकरी छोड़कर भोपाल में अपने साथ रहने के लिए मानसिक तौर पर परेशान कर रहा है. बता दें कि पति बेरोजगार है.

MP HC पत्नी को नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर करना 'क्रूरता'

Written by My Lord Team |Published : November 16, 2024 3:12 AM IST

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने  33 वर्षीय एक महिला की तलाक की मांग वाली याचिका मंजूर करते हुए कहा है कि पति द्वारा पत्नी को नौकरी छोड़ने और उसे पति की मर्जी एवं तौर-तरीके के मुताबिक रहने के लिए मजबूर किया जाना क्रूरता (Cruelty) की श्रेणी में आता है. केंद्र सरकार के एक उपक्रम में प्रबंधक के रूप में इंदौर में पदस्थ महिला ने फैमिली कोर्ट में यह आरोप लगाते हुए पति से तलाक की मांग करते हुए कहा था  कि वह उसे नौकरी छोड़कर भोपाल में अपने साथ रहने के लिए मानसिक तौर पर परेशान कर रहा है. फैमिली कोर्ट ने महिला की यह अर्जी खारिज कर दी थी, जिसे महिला ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

पत्नी को नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर करना 'क्रूरता'

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी की पीठ ने कानूनी पहलुओं पर गौर करते हुए निचली अदालत के फैसले को पलट दिया और महिला की तलाक की अर्जी मंजूर कर ली है.

पीठ ने फैसले में कहा,

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“पति या पत्नी एक साथ रहना चाहते हैं या नहीं, यह उनकी इच्छा है. पति या पत्नी में से कोई भी दूसरे पक्ष को नौकरी नहीं करने या जीवनसाथी की पसंद के अनुसार कोई नौकरी करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता.’’

अदालत ने कहा कि वर्तमान मामले में पति ने पत्नी पर दबाव डाला कि वह अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दे. हाईकोर्ट ने कहा कि पत्नी को नौकरी छोड़ने और उसे पति की इच्छा एवं तौर-तरीके के अनुसार रहने के लिए मजबूर किया जाना क्रूरता (Cruelty) की श्रेणी में आता है.

क्या है मामला?

PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला के वकील ने कहा कि 2014 में विवाह के बाद मेरी पक्षकार (मुवक्किल) और उसका पति भोपाल में रहकर सरकारी भर्ती परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे। 2017 में मेरी पक्षकार को एक सरकारी उपक्रम में नौकरी मिल गई, लेकिन उसके पति को कोई रोजगार नहीं मिल पाने से उसके अहंकार को ठेस पहुंचने लगी है. वकील ने आगे कहा कि मुवक्किल का पति इंदौर में प्रबंधक के रूप में पदस्थ पत्नी को कथित तौर पर परेशान करने लगा और उस पर दबाव डालने लगा कि वह अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर उसके साथ भोपाल में रहे.  महिला के पति ने उससे कहा कि जब तब उसे कोई रोजगार नहीं मिल जाता, वह भी कोई नौकरी न करे. उन्होंने कहा कि पति की इस बात के लिए पत्नी के तैयार नहीं होने के कारण दम्पति में मतभेद बढ़ने लगे. पति की मानसिक प्रताड़ना से परेशान महिला ने आखिरकार तलाक का मन बना लिया.

(खबर PTI भाषा से है)