मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने आज यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के निपटारे से संबंधित मामले की सुनवाई की. अदालत ने यूनियन कार्बइड के निपटारे पर रोक लगाते हुए मामले की सुनवाई को छह सप्ताह के लिए टाल दिया है. जिरह के दौरान सरकार ने अपशिष्ट के निपटारे के लिए अतिरिक्त समय की मांग की. वहीं, पीथमपुरा में हो रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि ऐसा मिसपब्लिसिटी फेक मीडिया रिपोर्ट्स के कारण हो रहा है. बता दें कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई पीथमपीरा में भोपाल गैस त्रासदी के अवशिष्ट के निपटारे को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बाद हुई. इससे पहले हाईकोर्ट ने ही अवशिष्ट के निपटारे को लेकर सरकार को चार हफ्ते का समय दिया था.
चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और और जस्टिस विवेक जैन की बेंच ने इस मामले की अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद निर्धारित की है. सुनवाई के दौरान सरकार ने पीठ को बताया कि कंटेनर्स में भरे जहरीले कचरे को इस तरह नहीं रखा जा सकता है, जिस पर हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वे सावधानीपूर्वक और पूर्व निर्देशों के तहत कचरे को अनलोड करें. पिछली सुनवाई में, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने कचरे को स्थानांतरित करने के लिए चार सप्ताह की समय-सीमा तय की थी. अदालत ने सरकार को निर्देशों का पालन न करने पर अवमानना की कार्यवाही की चेतावनी दी थी.
याचिकाकर्ताओं ने हाई लेवल कमिटी को जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश देने की मांग की है. हाईकोर्ट ने भोपाल गैस कांड से संबंधित 11 मिलियन मीट्रिक टन ज़हरीले कचरे के पूर्ण विनिष्टीकरण के निर्देश दिए हैं. वहीं, वर्तमान में केवल 337 टन कचरा ही पीथमपुर में नष्ट किया गया है. अदालत ने सरकार को अपना पक्ष रखने के आदेश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी को स्थगित किया है.