नई दिल्ली: मणिपुर में हो रही हिंसा के कारण राज्य में इंटरनेट सर्विसेज बंद कर दी गई थीं और 3 मई से राज्य में इंटरनेट बैन है। अब, मणिपुर उच्च न्यायालय (Manipur High Court) ने राज्य सरकार को इंटरनेट सर्विसेज की पुनर्स्थापना को लेकर आदेश दिया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मणिपुर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अहनथम बिमल सिंह और न्यायाधीश ए गुणेश्वर शर्मा ने मणिपुर राज्य के प्राधिकरण को यह आदेश दिया है कि वो प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले कुछ नामित क्षेत्रों में जनता को सीमित इंटरनेट की सुविधा प्रदान करें।
मणिपुर उच्च न्यायालय में कई जनहित याचिकाएं (PIL) दायर की गई थीं जिनमें याचिकाकर्ताओं ने राज्य में इंटरनेट सर्विस की पुनर्स्थापना की मांग की थी। इन याचिकाओं के आधार पर आदेश देते हुए अदालत का यह कहना है कि जनता को इंटरनेट बैन की वजह से बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, खासकर कि इस समय, जब छात्र अपने एडमिशन के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरना चाह रहे हैं।
इसी के चलते, मणिपुर हाईकोर्ट का राज्य प्राधिकरण को यह आदेश है कि वो जनता के लिए कुछ नामित क्षेत्रों में, जो उनके द्वारा नियंत्रित हैं, इंटरनेट की सुविधा प्रदान करें जिससे पब्लिक अपने जरूरी और आवश्यक कामों को पूरा कर सकें।
साथ ही, अदालत ने कई इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स से कहा है कि वो एक शपथपत्र (Affidavit) सबमिट करें जिसमें यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि क्या उनके लिए सोशल मीडिया एक्सेस ब्लॉक करके और सरकार की कानून और व्यवस्था से जुड़ी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए जनता को सीमित इंटरनेट की सुविधा प्रदान करना मुमकिन है या नहीं।
अदालत इस मामले में अब 23 जून, 2023 को सुनवाई करेगी। बता दें कि मणिपुर में हिंसा के शुरू होने के कारण, 3 मई, 2023 से राज्य में असीमित काल के लिए इंटरनेट पर बैन लगा दिया गया है।