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मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के ऑडियो टेप की फोरेंसिक रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सबमिशन के लिए तैयार: केन्द्र

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि लीक हुई ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता पर फोरेंसिक रिपोर्ट तैयार है और इसे शीघ्र ही सीलबंद लिफाफे में दाखिल किया जाएगा.

Supreme Court, Former Manipur CM Biren Singh

Written by Satyam Kumar |Published : April 18, 2025 2:29 PM IST

Manipur Violence: बीते दिन केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पूर्व मणिपुर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से जुड़े कथित ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता पर फोरेंसिक रिपोर्ट तैयार है और इसे जल्द ही अदालत के सामने सीलबंद लिफाफे में दाखिल किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार के वकीलों की दलीलों को ध्यान में रखते हुए, 5 मई के सप्ताह में शुरू होने वाली सुनवाई को टाल दिया है. ऑडियो लीक की घटना सामने आने के बाद कुकी ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट (KOHUR) ने पूर्व मुख्यमंत्री की कथित भूमिका की अदालत की निगरानी वाली एसआईटी जांच कराने की मांग की थी. याचिका में संगठन ने दावा किया कि ऑडियो लीक की सामग्री बेहद गंभीर है, इसमें पूर्व सीएम बीरेन सिंह को कथित तौर पर मेइती समूहों को राज्य सरकार के हथियारों और गोला-बारूद को लूटने की अनुमति देने की बात कहते हुए सुना जा सकता है. आगे बढ़ने से पहले बता दें कि मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने 9 फरवरी को मणिपुर के CM पद से इस्तीफा दे दिया था.

कथित ऑडियो की CFSL दें: SC

इससे पहले KOHUR का पक्ष रखते हुए सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण ने कथित ऑडियो लीक की एसआईटी जांच की मांग की थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि चीफ जस्टिस ने कहा कि "राज्य धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट रहा है और हम इस मामले को फिलहाल रोक कर रखेंगे." उन्होंने आगे कहा कि बाद में यह देखा जाएगा कि इस मामले की सुनवाई शीर्ष अदालत या उच्च न्यायालय में होनी चाहिए. सॉलिसिटर जनरल ने इससे सहमति जताई. सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने CFSL से लीक हुए ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता पर एक सीलबंद रिपोर्ट दाखिल करने को कहा.

भूषण ने ऑडियो लीक की सामग्री को बहुत गंभीर मामला बताते हुए कहा कि सिंह को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना गया कि मैतेई समूहों को राज्य सरकार के हथियार और गोला-बारूद लूटने की अनुमति दी गई थी. उन्होंने कहा कि मैंने टेप रिकॉर्डिंग की प्रतिलिपि संलग्न की है. सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि याचिकाकर्ता का वैचारिक झुकाव है और तीन उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की एक समिति की रिपोर्ट थी जिसमें कहा गया था कि स्थिति को भड़काने का प्रयास किया जा रहा था. इस पर सीनियर वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि एक लैब ने पुष्टि की है कि 93 प्रतिशत यह मुख्यमंत्री की आवाज है, और Truth Lab एफएसएल रिपोर्टों की तुलना में कहीं अधिक विश्वसनीय हैं. हालांकि, विधि अधिकारी ने सत्य प्रयोगशाला की रिपोर्ट की सत्यता पर सवाल उठाया.

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अब केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में CFSL Report जमा करने की बात की है.