हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के जजों का एक दल मणिपुर में न्यायिक सहायता और चिकित्सा कैंपों का उद्घाटन करने के लिए गया था, इस दौरान उन्होंने राहत कैंपों का भी दौरा किया. दौरे को लेकर सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि राहत कैंपों में रह रहे लोग 'अच्छे मूड' में हैं और वे सामान्य स्थिति में लौटना चाहते हैं. सुप्रीम कोर्ट जस्टिस ने यह भी कहा कि मणिपुर के लोगों में स्थिति सामान्य होने को लेकर बहुत उम्मीद है. बता दें कि मणिपुर में संविधान के आर्टिकल 356 के तहत, राष्ट्रपति शासन 13 फरवरी, 2025 को लागू किया गया था, जब मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दिया. अभी मणिपुर में राष्ट्रपति शासन ही लागू है. मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा उस समय भड़की जब 3 मई 2023 को मणिपुर के सभी जनजातीय छात्र संघ (ATSUM) द्वारा एक रैली आयोजित की गई थी. इस हिंसा ने पूरे राज्य को प्रभावित किया और केंद्रीय सरकार को स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा.
सुप्रीम कोर्ट के जजों का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर के दौरे पर था, जिसने रविवार को इंफाल में द्वादश वार्षिक समारोह (Duodecennial celebrations) में भाग लिया. जस्टिस बीआर गवाई ने मणिपुर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के सचिवालय और अन्य न्यायालय भवनों और परियोजनाओं का उद्घाटन किया. इस कार्यक्रम में, जजों के प्रतिनिधिमंडल ने उपस्थित अधिकारियों से मुलाकात की और बातचीत की. इस पांच सदस्यीय सुप्रीम कोर्ट जजों के प्रतिनिधिमंडल में जस्टिस बीआर गवाई, सूर्य कांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस एमएम सुंदरश और जस्टिस केवी विश्वनाथन शामिल थे. प्रतिनिधिमंडल ने मणिपुर के चुराचंदपुर में एक राहत शिविर का भी दौरा किया.
जस्टिस बीआर गवाई ने कहा कि मणिपुर में राहत शिविरों में रह रहे प्रभावित लोग अच्छे मूड में हैं और सामान्य स्थिति में लौटने की इच्छा रखते हैं. जस्टिस ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में बताया, "राहत शिविरों में लोग अच्छे मूड में हैं, और वे सभी सामान्य स्थिति और शांति में लौटना चाहते हैं. मैंने दोनों समूहों से बात की, और मुझे उम्मीद है कि जल्द ही एक समाधान निकलेगा."
जस्टिस बीआर गवाई, जो राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं, ने मणिपुर के सभी जिलों में कानूनी सेवाओं के शिविरों और चिकित्सा शिविरों का उद्घाटन किया, साथ ही इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम और उखरुल जिलों में नए लीगल एड क्लिनिक भी शुरू किए.
उद्घाटन समारोह के दौरान जस्टिस ने कहा,
"न्याय का सिद्धांत और स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच महत्वपूर्ण है. मैं और मेरी टीम आपको आश्वस्त करते हैं कि हम आपके साथ खड़े हैं. यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम समाज के लिए मिलकर काम करें. पूरा देश एकजुट होगा ताकि इस समस्या का समाधान किया जा सके."
जस्टिस ने संबोधन के दौरान लोगों को शांति बहाल होने का आश्वासन दिया.