ठाणे के मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (MACT) ने एक मोटरसाइकिल दुर्घटना में घायल हुए व्यक्ति को 7.4 लाख रुपये और इसी घटना में मारे गए व्यक्ति के परिजनों को 6.5 लाख रुपये का मुआवजा दिया है. मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (MACT) ने टेम्पो के मालिक को मुआवजे के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है, जबकि दुर्घटना के समय बीमा पॉलिसी के अमान्य होने के कारण बीमा कंपनी को किसी भी ज़िम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है. वहीं, मुआवजे की राशि तय करते वक्त MACT ने घायल व्यक्ति की गंभीर चोटों (मस्तिष्क में चोट, चेहरे के फ्रैक्चर, पसलियों के फ्रैक्चर और फेफड़ों में चोट) को ध्यान में रखते हुए 7.4 लाख रुपये का मुआवजा तय किया.मृतक के परिजनों को भविष्य की निर्भरता के नुकसान, संपत्ति के नुकसान, अंतिम संस्कार के खर्च और पारिवारिक सहयोग के लिए कुल 6.5 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया। अधिकरण ने टेम्पो मालिक को एक महीने के भीतर मुआवजे की राशि 8% वार्षिक ब्याज के साथ जमा करने का निर्देश दिया है.
यह दुर्घटना 19 जनवरी 2017 को नगर-मुर्बाद रोड पर हुई थी, जब पीड़ित, विशाल वसंत बारस्कर और दीपेश अर्जुन पावशे, मोटरसाइकिल पर कहीं जा रहे थे. एक टेम्पो ने इनकी गाड़ी को टक्कर मार दी, जिससे पावशे की मौत हो गई और बारस्कर गंभीर रूप से घायल हो गए. घटना के बाद बारस्कर और पावशे के माता-पिता ने अलग-अलग मुआवजा याचिकाएं दायर कीं. दोनों मामलों में, पार्टियों ने आरोप लगाया कि टेम्पो चालक की लापरवाह और negligent ड्राइविंग के कारण यह दुर्घटना हुई. इसके अलावे पुलिस ने टेम्पो चालक के खिलाफ एक आपराधिक मामला भी दर्ज किया गया था. टेम्पो के मालिक, वर्षा अजित गोरेडे, दोनों कार्यवाही में अनुपस्थित रहीं.
वकील एके तिवारी, जो वाहन बीमा कंपनी बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, ने तर्क किया कि दुर्घटना के दिन वाहन के लिए बीमा पॉलिसी प्रभावी नहीं थी. ट्रिब्यूनल ने बीमा कंपनी द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों की जांच की, जिसमें उनके गवाह की गवाही और बीमा पॉलिसी के दस्तावेज शामिल थे. ट्रिब्यूनल ने यह नोट किया कि बीमा कंपनी ने 19 जनवरी 2017 को दोपहर 3:36 बजे पॉलिसी का प्रीमियम प्राप्त किया था, जबकि दुर्घटना सुबह 8:15 बजे से 9 बजे के बीच हुई थी. इस समय अंतराल ने बीमा कंपनी की जिम्मेदारी को स्पष्ट किया.
बारस्कर को हुई चोटों को ध्यान में रखते हुए, जिसमें कई मस्तिष्क चोटें, चेहरे की फ्रैक्चर, पसली की फ्रैक्चर और फेफड़ों की चोटें शामिल थीं, ट्रिब्यूनल ने उन्हें कुल 7.4 लाख रुपये का मुआवजा दिया. यह मुआवजा उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए दिया गया. पावशे के मामले में, ट्रिब्यूनल ने उनके माता-पिता को 6.5 लाख रुपये का मुआवजा दिया, जिसमें भविष्य की निर्भरता के लिए 5.4 लाख रुपये और संपत्ति और अंतिम संस्कार खर्चों के लिए 15,000 रुपये शामिल थे. इसके अलावा, पारिवारिक सहयोग के लिए 80,000 रुपये भी दिए गए.
ट्रिब्यूनल ने टेम्पो के मालिक को आदेश दिया कि वह याचिकाओं की फाइलिंग की तारीख से एक महीने के भीतर 8 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ मुआवजे की राशि जमा करें. बीमा कंपनी, बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी, दोनों मामलों में किसी भी जिम्मेदारी से मुक्त कर दी गई.