नई दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा में अध्यक्ष और कुछ सदस्यों की अयोग्यता के मामले में दलीलों के मुख्य आधार नेबाम रेबिया पर आए Supreme Court के फैसले में बदलाव या सुधार को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों की बहस पूर्ण हो गई है.
सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ की अध्यक्षता में गठित 5 सदस्य संविधान पीठ ने 9 दिन तक चली मैराथन सुनवाई के बाद आज इस मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया है.
सुप्रीम कोर्ट में पिछले 9 दिन से लगातार महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट को लेकर सुनवाई हो रही है. सुनवाई की शुरुआत ठाकरे गुट की ओर से कपिल सिब्बल ने की थी. जिसके बाद अभिषेक मनु सिंघवी ने भी अपना पक्ष रखा था.
वही महाराष्ट्र के राज्यपाल और एकनाथ शिंदे गुट की ओर से अधिवक्ता महेश जेठमलानी, हरीश साल्वे और नीरज कौल ने दलीलें पेश की हैं.
फैसला सुरक्षित रखे जाने से पूर्व आज की सुनवाई में एक बार फिर ठाकरे गुट की ओर से कपिल सिब्बल ने दलीलें पेश की वही राज्यपाल और एकनाथ शिंदे गुट की ओर से दो पेज का नोट देने की अनुमति मांगी, जिसे सीजेआई ने स्वीकार किया.
कपिल सिब्बल ने राज्यपाल द्वारा एकनाथ शिंदे की सरकार की स्थापना के लिए किए गए फैसले को रद्द करने का अनुरोध किया है.