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मद्रास हाईकोर्ट का न्यायिक अधिकारियों को निर्देश 'न्यायाधीशों के घर सिफारिशों के लिए जाना बिल्कुल गलत'

मद्रास हाईकोर्ट रेजिस्ट्री ने एक नया सर्क्युलर जारी किया है जो खास न्यायिक अधिकारियों के लिए है। उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के साथ न्यायिक अधिकारियों को क्या नहीं करना चाहिए, आइए जानते हैं

Madras HC Registry Circular for Judicial Officers Dos And Donts List

Written by My Lord Team |Published : June 27, 2023 1:12 PM IST

नई दिल्ली: मद्रास उच्च न्यायालय की रेजिस्ट्री (Madras High Court Registry) की तरफ से न्यायिक अधिकारियों (Judicial Officers) को कुछ दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं जिनमें रेजिस्ट्री ने यह स्पष्ट किया है कि कोई भी न्यायिक अधिकारी ट्रांसफर मांगने या फिर किसी भी तरह की सिफारिश के लिए हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के घरों में नहीं जाएगा, वो बिल्कुल गलत है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) की रेजिस्ट्री की तरफ से 21 जून, 2023 को एक सर्क्युलर जारी किया गया है जिसमें कई दिशा-निर्देश शामिल हैं। यह सर्क्युलर रेजिस्ट्रार-जनरल एम जोतिरमण द्वारा जारी किया गया है जिसमें तमिल नाडु और पुडुचेरी के सभी न्यायिक अधिकारियों के लिए एक विस्तृत 'डूज एंड डॉन्ट्स' की लिस्ट शामिल है।

न्यायिक आधिकारियों हेतु 'डूज एंड डॉन्ट्स' की लिस्ट

रेजिस्ट्री के इस सर्क्युलर में यह लिखा हुआ है कि कोई भी न्यायिक अधिकारी उच्च न्यायालय के किसी भी न्यायाधीश को शॉल, मिमेन्टो, गुलदस्ता, फूलों की माला, फल और उपहार आदि नहीं दे सकते हैं।

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साथ ही, कोड ऑफ कन्डक्ट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसी भी न्यायिक अधिकारी को यदि हाईकोर्ट जज से कोई बात करनी है तो वो सीधे नहीं करेंगे, हर बात रेजिस्ट्री की तरफ से न्यायाधीश तक पहुंचेगी।

ट्रांसफर, प्रमोशन या किसी भी अन्य तरह की सिफारिश के लिए न्यायिक अधिकारी किसी भी हाईकोर्ट के जज के गहर नहीं जा सकते हैं। उच्च न्यायालय के कोई न्यायाधीश यदि उनके जिले में आते हैं तो वो किसी भी हाल में काम के बीच में, कोर्ट छोड़कर उन्हें छोड़ने या लेने एयरपोर्ट आदि पर नहीं जा सकते हैं। न्यायिक अधिकारियों से अनुरोध किया गया है कि वो कोर्ट परिसर के बाहर काले कोट और काली टाइ न पहनें।

रेजिस्ट्री के सर्क्युलर में यह भी कहा गया है कि जहां कोई न्यायाधीश किसी जगह पर अपनी गाड़ी से, आधिकारिक दौरे पर आते हैं तो स्टाफ का कोई सदस्य उन्हें रिसीव करने के लिए और उन्हें सुरक्षित जगह पर पहुंचाने के लिए होना चाहिए, वहीं न्यायिक अधिकारियों का वहां होना उनकी कोई बाध्यता नहीं है; जब तक आधिकारिक तौर पर उनका होना जरूरी न हो।