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योग शिक्षिका के यौन उत्पीड़न मामले में पूर्व कुलपति दोषी करार, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने लगाया 35 लाख का जुर्माना; MP सरकार और पुलिस अधिकारी को भी नहीं...

योग शिक्षिका से जुड़े यौन उत्पीड़न मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार पर 5 लाख और विश्वविद्यालय पर 1 लाख रूपये का जुर्माना लगाया है, साथ ही यह निर्देश दिया कि जिस पुलिस अधिकारी ने शिकायत दर्ज नहीं की, उससे भी जुर्माने की राशि वसूली जाए.

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट

Written by Satyam Kumar |Published : July 16, 2025 10:05 PM IST

मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने योग शिक्षिका के यौन उत्पीड़न के एक मामले में राज्य के लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान (एलएनआईपीई) के पूर्व कुलपति दिलीप दुरेहा को दोषी करार देते हुए 35 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. हाई कोर्ट ने इसके साथ ही मध्यप्रदेश सरकार पर पांच लाख रुपये और विश्वविद्यालय पर एक लाख रुपये का भी जुर्माना लगाया है.

जस्टिस मिलिंद रमेश फड़के की पीठ ने मंगलवार को एक आदेश में यह भी कहा कि राज्य सरकार उस अधिकारी से जुर्माने की राशि वसूले, जिसने शिकायत मिलने के बाद भी मामला दर्ज नहीं किया. यह मामला 2019 का है, जिसमें योग शिक्षिका ने कुलपति दुरेहा के खिलाफ ग्वालियर पुलिस और संस्थान की महिला उत्पीड़न समिति के समक्ष यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई. संस्थान की महिला उत्पीड़न समिति ने शिक्षिका की शिकायत को सही पाया लेकिन दुरेहा के खिला कोई कार्रवाई नहीं की गयी.

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ग्वालियर के गोला का मंदिर थाना में दुरेहा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. ग्वालियर खंडपीठ में इस मामले की लगातार सुनवाई चली और 15 जुलाई को न्यायालय की एकल पीठ ने निर्णय सुनाया. हाई कोर्ट ने तत्कालीन कुलपति दुरेहा पर टिप्पणी करते हुए कहा कि संस्थान ऐसे व्यक्ति के नियंत्रण में रहा, जो सेवा में रखे जाने योग्य नहीं था.

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हाई कोर्ट ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि आंतरिक समिति की रिपोर्ट आने के बाद भी आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई जबकि इस प्रकरण में एक महिला की प्रतिष्ठा धूमिल हुई. हाई कोर्ट ने दुरेहा पर 35 लाख रुपये, संस्थान पर एक लाख और राज्य सरकार पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया.

हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि जुर्माना की राशि संबंधित पुलिस अधिकारी से वसूल की जाए, जिसके पास शिकायत पहुंची और उसने यौन शोषण का मामला दर्ज नहीं किया. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने कहा कि चार सप्ताह में राशि वसूल कर पीड़ित महिला को देनी होगी