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Live- हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट पर Supreme Court आज करेगा मामले पर सुनवाई

याचिकाओं की सुनवाई भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ सुनवाई करेगी. 2 जनहित याचिकाओं में हिंडबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में एक समिति के गठन की भी मांग की गई है.

Written by Nizam Kantaliya |Published : February 10, 2023 6:48 AM IST

नई दिल्ली: सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्य पीठ आज हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की जांच की मांग करने वाली दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करेगी.

गुरूवार को ही सीजेआई ने इस मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सहमति दी थी, जिसके बाद अधिवक्ता एम एल शर्मा और विशाल तिवारी की याचिकाओं को आज सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है.

गौरतलब है कि अडानी ग्रुप (Adani) के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenburg Report) की जांच की मांग वाली दो जनहित याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर है. इन जनहित याचिकाओं में हिंडबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में एक समिति के गठन की भी मांग की गई है.

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सीजेआई की पीठ की सहमति

गुरूवार को न्यायालय समय के दौरान अधिवक्ता और याचिकाकर्ता विशाल तिवारी ने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए सीजेआई की पीठ के समक्ष मेंशन करते हुए अनुरोध किया था. सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने पूछा कि इसमें मामला क्या है?

जिसके जवाब में याचिकाकर्ता एडवोकेट विशाल तिवारी ने कहा था कि "ऐसी ही एक याचिका कल भी आ रही है। यह हिंडनबर्ग रिपोर्ट से संबंधित है जिसने देश की छवि को धूमिल किया है और नुकसान पहुंचाया है, दूसरे मामले के साथ इस पर भी कल सुनवाई की जाए."

सीजेआई चन्द्रचूड़ के याचिका पर सहमति जताते हुए इस जनहित याचिका को भी दूसरी याचिका के साथ टैग करते हुए शुक्रवार को सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए थे.

रिपोर्ट की जांच ​की मांग

गौररतलब है कि 24 जनवरी को अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी पर आरोपी लगाया गया है कि अपने स्टॉक की कीमतों को बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर हेराफेरी और अनाचार​ किया गया.

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद से, शेयर बाजार में अडानी के शेयरों में गिरावट आई है. स्टॉक की कीमतों में गिरावट के साथ अडानी समूह को अपने एफपीओ को वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा.

अडानी ग्रुप की ओर से भी इस मामले में 413 पन्नों का जवाब प्रकाशित करके आरोपों का खंडन करते हुए इसे भारत के खिलाफ हमला बताया था.

हिंडनबर्ग ने एक रिज्वाइंडर के साथ यह कहते हुए पलटवार किया था कि धोखाधड़ी को राष्ट्रवाद द्वारा अस्पष्ट नहीं किया जा सकता है और वह अपनी रिपोर्ट पर कायम है.

एम एल शर्मा की याचिका में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के पीछे एक बड़ी साजिश होने की भी जांच की मांग की गई है. याचिकाओं की सुनवाई भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ सुनवाई करेगी.

पीठ दो जनहित याचिकाओं (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही है। जिनमें से एक अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा द्वारा दायर की गई है, जिसमें भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) और केंद्रीय गृह मंत्रालय को हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नाथन एंडरसन के खिलाफ जांच करने और प्राथमिकी दर्ज करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है.

दूसरा अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर किया गया था जिसमें शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एक समिति द्वारा हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच की मांग की गई थी।

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