सुप्रीम कोर्ट ने आज अडानी हिंडनबर्ग मामले में सेबी को जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देने की मांग पर सुनवाई करने से इंकार किया है. इस नई अर्जी को अडानी हिंडनबर्ग केस में याचिकाकर्ता विशाल तिवारी ने दाखिल किया था. विशाल तिवारी ने इस अर्जी के जरिये रजिस्ट्रार के आदेश को चुनौती दी थी. रजिस्ट्री ने उसकी अर्जी को सुनवाई के लिए लिस्ट करने से इंकार कर दिया था.
विशाल तिवारी ने अर्जी में कहा था कि 3 जनवरी के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक तीन महीने में SEBI को जांच पूरी करनी थी लेकिन SEBI ने ये जांच पूरी नहीं की. ऐसे में कोर्ट सेबी को निर्देश दे कि वो अपने पास लंबित जाँच को जल्द से जल्द पूरा करें और जांच का निष्कर्ष सार्वजनिक करें. वही सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री का कहना था कि तीन जनवरी को फैसले के साथ ही मामले का निपटारा हो गया था, इसलिए अब उस केस में अर्जी नहीं लगा सकते. रजिस्ट्री ने इस अर्जी को सुनवाई के लिस्ट करने से इंकार कर दिया था. तिवारी ने रजिस्ट्री के इस आदेश को चुनौती देते हुए इस अर्जी को सुनवाई के लिए अनुमति देने की मांग की थी.
गौरतलब है किअमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म ने साल 2023 में जनवरी के ही महीने में अडानी ग्रुप को लेकर एक रिसर्च रिपोर्ट पब्लिश की थी, जिसमें अडानी की कंपनी के शेयर ओवरवैल्यूएड होने और कीमतों में हेरफेर समेत समूह पर कर्ज को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए थे. कोर्ट ने SEBI और सरकार को आदेश दिया कि वो पता लगाएं कि शार्ट सेलिंग के आरोपों की हकीकत क्या है. क़ानून के मुताबिक उस पर एक्शन लें. बिना पुख्ता आधार के जांच SEBI से SIT को ट्रांसफर नहीं किया जा सकता. इन टिप्पणियों के साथ चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ जस्टिस, जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने एक्सपर्ट कमेटी के सदस्यों पर उठे सवालों को खारिज किया था.