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Land-for-jobs scam: तेजस्वी यादव ने Delhi HC में कहा कि वह 25 मार्च को CBI HQ में पूछताछ के लिए पेश होंगे

नौकरी के बदले जमीन मामले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई. CBI ने से कोर्ट से कहा कि वह इस मामले में तेजस्वी यादव को इस महीने गिरफ्तार नहीं करेंगे. तेजस्वी यादव 25 मार्च को CBI के दिल्ली मुख्यालय में पूछताछ के लिए पेश होंगे.

Written by My Lord Team |Published : March 16, 2023 8:43 AM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि वह नौकरी के बदले जमीन मामले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को इस महीने गिरफ्तार नहीं करेंगे. इस आश्वासन के बाद तेजस्वी यादव ने उच्च न्यायालय में कहा कि वह 25 मार्च को CBI के दिल्ली मुख्यालय में पूछताछ के लिए पेश होंगे.

तेजस्वी यादव ने कथित जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में CBI द्वारा जारी समन को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. बुधवार को उन्होंने हाईकोर्ट से CBI के समन को रद्द करने की गुहार लगाई.

न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने सीबीआई के वकील का बयान दर्ज किया कि एजेंसी की इस महीने तेजस्वी यादव को गिरफ्तार करने की कोई योजना नहीं है। तेजस्वी यादव की ओर से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने इस आश्वासन के बाद अदालत से कहा कि उनके मुवक्किल 25 मार्च को सीबीआई के दिल्ली मुख्यालय में जांच अधिकारी के समक्ष पूर्वाह्न साढ़े 10 बजे पेश होंगे।

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अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों पर गौर करने के बाद उस याचिका का निपटारा किया, जिसमें तेजस्वी यादव ने केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा उन्हें जारी किए गए समन को रद्द करने का अनुरोध किया था।

तेजस्वी ने CBI के समन को नियमों के खिलाफ बताते हुए याचिका में कहा कि CBI का समन आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 160 का उल्लंघन करता है और उन्हें यह समन केवल परेशान करने के इरादे से जारी किया गया है, क्योंकि जिस समय यह कथित अपराध हुआ उस समय वह नाबालिग थे.

तेजस्वी ने अपनी याचिका में यह भी कहा कि वह पटना के निवासी हैं, लेकिन CBI उन्हें दिल्ली में पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए कह रही है, जो कि CrPC की धारा 160 के प्रावधान के विपरीत है.

बता दें की CBI ने तेजस्वी को 4, 11 और 14 मार्च के लिए तीन समन जारी किए थे, लेकिन वह व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए एक बार भी पेश नहीं हुए.

यह मामला राजद प्रमुख लालू प्रसाद के 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहने के दौरान उनके परिवार को कथित तौर पर उपहार में दी गई या बेची गई जमीन के बदले रेलवे में की गई नियुक्तियों से जुड़ा है।

सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में कहा कि भारतीय रेलवे के निर्धारित मानदंडों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए रेलवे में नियुक्तियां की गईं।

CBI की विशेष अदालत ने बुधवार को इस मामले में लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती को जमानत दे दी थी. इस मामले में, सीबीआई ने कुल 16 लोगों को तलब किया था.