नई दिल्ली: स्टैंड अप कॉमेडियन Kunal Kamra ने Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Rules, 2021 को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी है. नियमों में संशोधन में किए गए प्रावधान को कामरा ने संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत मुक्त भाषण का उल्लंघन बताया है और इसके भयावह प्रभाव होने के चलते इस रोक लगाने का अनुरोध हाईकोर्ट से किया है.
हाईकोर्ट ने कुणाल कामरा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है. हाईकोर्ट 21 अप्रैल को याचिका पर सुनवाई करेगा. कामरा की ओर से दायर याचिका में संशोधित IT Rules 2021 की धारा 3 को विशेषतौर से चुनौती दी गयी है.
संशोधित धारा 3(1)(बी)(v) के अनुसार केन्द्र सरकार के Ministry of Electronics and Information Technology को यह अधिकार देती है कि मंत्रालय आनलाईन झूठी और fake खबरों या सामग्री की जांच के लिए fact-checking body का गठन कर सकता है.
कामरा ने याचिका में कहा है कि "ये नियम हैं, द्रुतशीतन प्रभाव पहले से ही है. नियम लोगों को शांत करने के लिए पर्याप्त है."
याचिका में कहा गया कि इस तरह के प्रावधान पहले से ही मौजूद है जिनमें कहा गया है कि telecom service providers और social media intermediaries को तब ऐसी सामग्री के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी, जिसमें विफल होने पर वे सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 79 के तहत कार्रवाई के जिम्मेदार होंगे.
कामरा के अधिवक्ता ने याचिका के तथ्यों की जानकारी देते हुए बताया कि फेक न्यूज से निपटने के लिए सोशल मीडिया वेबसाइटों के अपने नियम हैं और इसके लिए विभिन्न सुरक्षाएं हैं. अगर उन सुरक्षा उपायों को हटा दिया जाता है, तो सोशल मीडिया पर निर्भर रहने वाले कई लोगों का करियर खत्म हो जाएगा.
वही केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि संशोधन अभी तक लागू नहीं हुए हैं और इसलिए, किसी अंतरिम आदेश की आवश्यकता नहीं होगी.
बहस सुनने के बाद अदालत ने इस याचिका पर सुनवाई की सहमति देते हुए 21 अप्रैल की तारीख तय की है.